चंडीगढ़, 6 अप्रैल (ट्रिन्यू)
हरियाणा के पूर्व सीएम एवं नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों से हाथ मिलाने की बजाय उनसे पंजा लड़ा रही है। किसानों से आंख मिलाने की बजाय उन्हें आंख दिखा रही है। राज्य की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार प्रदेश की जनता को बहुत महंगी पड़ रही है। गलत नीतियों ने जनता को गरीबी और महंगाई की खाई में धकेल दिया है। आम लोगों व किसानों की अनदेखी गठबंधन सरकार को महंगी पड़ेगी।
हुड्डा मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर रोहतक से विधायक भारत भूषण बतरा व नूंह विधायक आफताब अहमद सहित कई वरिष्ठ नेता उनके साथ मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि लगातार पेट्रोल-डीजल, गैस और बिजली के दाम बढ़ रहे हैं। स्टाम्प ड्यूटी, किसानों की लागत और प्रदेश पर कर्ज में इजाफा हो रहा है। हर वर्ग सरकार से हताश और निराश है। सरकार जनता का विश्वास पूरी तरह खो चुकी है।
हुड्डा ने कहा कि अपनी नाकामियों को सरकार विपक्ष पर थोपना चाहती है, जबकि उसे आत्म मंथन करना चाहिए। सरकार को चाहिए कि 2 साल पहले हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने वाली पार्टी के नेता आज जनता के बीच क्यों नहीं जा पा रहे हैं। किसानों के प्रति सरकार का रवैया पूरी तरह नकारात्मक है। 3 कृषि कानूनों के खिलाफ पहले से आंदोलनरत किसानों को सरकार अब मंडियों में परेशान कर रही है। रजिस्ट्रेशन, नमी, मिश्रण और मैसेज का बहाना बनाकर गेहूं की खरीद में देरी की जा रही है।
विपक्ष के नेता ने कहा कि गेहूं खरीद में मानक नमी की मात्रा को 14 से घटाकर 12 प्रतिशत और मानक मिश्रण की मात्रा को 0.75 से घटाकर 0.50 प्रतिशत करना किसान विरोधी फैसला है। इससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होगा। सरकार तुरंत इस फैसले को वापस ले। सरकार की तरफ से हर बार की तरह इस बार भी गेहूं खरीद के लिए बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे, लेकिन जैसे ही पहली अप्रैल से खरीद शुरू हुई, सभी दावों की पोल खुल गई। ‘मेरी फसल-मेरा ब्योरा’ वेबसाइट 16 लाख किसानों का ट्रैफिक नहीं झेल पा रही है।
सर्वर डाउन होने की वजह से अब तक 8 लाख किसान ही रजिस्ट्रेशन करवा सके हैं। बाकी 50 प्रतिशत से अधिक किसान अपने गेहूं कैसे बेचेंगे, इसका न तो सरकार के पास जवाब है और न ही प्रबंध किया है।