सिरसा, 2 सितंबर (हप्र)
भारतीय किसान एकता बीकेई टीम ने रानियां क्षेत्र के गांव बचेर, कालुआना, मम्मड़, केहरवाला सहित कई गांवों में जाकर नरमे की फसल का निरीक्षण किया, जो बद से बदतर है। नरमे के पौधे में हर एक टिंडे में गुलाबी सुंडी है।
नरमे के पौधे में टिंडों की संख्या को देखते हुए अनुमानित उपज 12 से 15 क्विंटल प्रति एकड़ हो सकती थी, अगर गुलाबी सुंडी का प्रकोप न होता। भारतीय किसान एकता के लखविंद्र सिंह औलख ने बताया कि किसान पिछले कई सालों से आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है।
सिरसा जिले में लगभग 292 गांवों में लगभग 2 लाख 97 हजार हेक्टेयर में नरमे, कपास की बिजाई होती है। कई गांवों में नरमे की फसल में गुलाबी सुंडी का भयंकर प्रकोप है, लेकिन आज तक कृषि विभाग व सरकार ने किसानों की कोई सुध नहीं ली है। इस मौके पर सुभाष झोरड़, हेतराम झोरड़, दलवीर, मांगेराम, सत्य प्रकाश, सुभाष मेंबर, जगदीश कुमार, कुलवंत सिंह, जगजीत सिद्धू, अजय भारी, हंसराज पचार मतूवाला सहित अन्य किसान नेता उपस्थित थे।
उधर, कृषि विभाग के अतिरिक्त प्रधान सचिव सुधीर राजपाल व कृषि विभाग के निदेशक नरहरि बांगड़ ने जिला सिरसा का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जिला में कृषि विभाग व सीआईसीआर के सौजन्य से कपास फसल की कार्यशाला का उद्घाटन किया। इस कार्यशाला में वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को कपास की नवीनतम जानकारी प्रदान की गई। किसानों को समेकित कीट प्रबंधन व गुलाबी सुंडी प्रबंधन बारे विस्तार से जानकारी दी गई।