चंडीगढ़, 3 दिसंबर (ट्रिन्यू)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के कार्यालय होने चाहिए। सरकार ने ग्राम सचिवालय की कल्पना की थी, जिसके तहत कुछ जगह ऐसे ग्राम सचिवालय बन गए हैं। इसके साथ-साथ जिला परिषद कार्यालय बनाए जा रहे हैं। पंचायत समिति कार्यालयों का काम भी पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं में भी लोकसभा व विधानसभा की तरह 1 या 2 दिन का सत्र होना चाहिए ताकि जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र की समस्याओं को उठा सकें। मुख्यमंत्री नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को शपथ दिलाए जाने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अपने विचार रख रहे थे। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से अच्छे प्रस्ताव पास करने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में युवाओं व एनजीओ आदि की समिति बनाई जाए, जोकि गांव में सुधार करे और भ्रष्टाचार आदि पर निगरानी रखे।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में हरियाणा सरकार ने अनेक योजनाओं के माध्यम से विकास कार्य किए गए हैं। गांवों को लाल डोरा मुक्त कर लोगों को उनकी प्रॉपर्टी का मालिकाना हक दिलवाया है। लाइब्रेरी की व्यवस्था की गई है, कुछ जगह लाइब्रेरी खुल गई है और कुछ जगह खोली जा रही है। गांवों में पार्क व व्यायामशाला खोली जा रही हैं। लोग बीमार न हों इसके लिए वैलनेस सेंटर खोले जा रहे हैं। श्मशान घाट व कब्रिस्तान के विकास के लिए शिवधाम योजना बनाई है। प्रदेश के 18 हजार तालाबों को ठीक करने के लिए तालाब प्राधिकरण बनाया है। गांव-गांव में गौरवपट लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव का कोई भी व्यक्ति ग्राम दर्शन पोर्टल के माध्यम से अपनी समस्याओं को सरकार तक पहुंचा सकता है।
मुख्यमंत्री ने पंच, सरपंच, ब्लॉक समिति सदस्यों व जिला परिषद सदस्यों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि सभी जन प्रतिनिधि पूरे क्षेत्र को अपना परिवार मानें और सेवा के भाव से दायित्व निभाते हुए क्षेत्र का विकास करें। प्रदेशभर के हर जिले, ब्लॉक व गांव में आज शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें 6200 सरपंच, 60,133 पंच, 3081 ब्लॉक समिति सदस्यों व 411 जिला परिषद सदस्यों ने शपथ ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहला अवसर है जब पंचायती राज संस्थाओं में चुनकर आए जनप्रतिनिधि व्यक्तिगत तौर पर शपथ ले रहे हैं। जिला उपायुक्त, गांवों में ग्राम संरक्षक इन्हें शपथ दिलवा रहे हैं। जब एक-एक जनप्रतिनिधि शपथ लेगा तो उन्हें शपथ में लिखे शब्दों, कर्तव्य, संविधान, भय और पक्षपात का बोध होगा। वह जब जनता के कार्य करेगा तो उसे यह शपथ याद रहेगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा सरकार पूरी तरह से वचनबद्ध है। केंद्र और राज्य सरकार के कार्य चुनी हुई पंचायतों के माध्यम से ही गांवों तक पहुंचते हैं। हरियाणा सरकार ने 2015 में पंचायती राज अधिनियम में संसोधन करके पढ़ी-लिखी पंचायत बनाने का फैसला किया था। इसके लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे वैध ठहराया और अन्य राज्यों को भी इस पथ पर चलने की सलाह दी। हरियाणा सरकार ने महिलाओं को पंचायतों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। इसके बाद पिछड़ा वर्ग-ए को भी आरक्षण दिया। अब केंद्रीय वित्त आयोग व राज्य वित्त आयोग का पैसा सीधे पंचायतों तक आ रहा है।
60 फीसदी जनप्रतिनिधि चुने गए सर्वसम्मति से
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पंच, सरपंच, ब्लॉक समिति व जिला परिषद सदस्यों की कुल 71,696 सीटों के लिए चुनाव हुआ। इनके लिए 1,60,192 ने नामांकन किया, 2600 के नामांकन रद्द हुए और 31,900 ने नामांकन वापस ले लिया। 40 हजार 500 जनप्रतिनिधि सर्वसम्मति से चुने गए, जो करीब 60 प्रतिशत हैं। वहीं 29,474 सीटों के लिए 85,127 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार सर्वसम्मति से चुनी गई पंचायतों को 11 लाख रुपये, सरपंच को 5 लाख रुपये, पंच चुने जाने पर 50 हजार रुपये और ब्लॉक समिति सदस्य व जिला परिषद सदस्य के सर्वसम्मति से चुने जाने पर 2-2 लाख रुपये दे रही है। इस तरह चुने जाने पर हरियाणा सरकार 300 करोड़ रुपये ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए दे रही है।