देशपाल सोरौत/हप्र
पलवल, 18 अक्तूबर
जिले में रविवार-सोमवार को लगातार 2 दिनों से हो रही बरसात फसलों पर कहर बनकर बरसी। बारिश से धान और कपास की फसल को काफी नुकसान हुआ है। जहां खेतों में खड़ी पकी धान की फसल पूरी तरह से गिर गई वहीं अनाज मंडी में बारिश ने किसानों के चेहरों से मुस्कान छीन ली है। तेज बारिश से अनाज मंडी में बिकने के लिए आई किसानों की लाखों क्विंटल धान पूरी तरह से भीग गया। अधिकांश धान बारिश के पानी में नालियों में बह गया। कई किसानों ने तिरपाल व पॉलिथीन का इंतजाम किया था, मगर वह नाकाफी रहा। मंडी में अव्यवस्थाओं का आलम इस कदर रहा कि मार्केट कमेटी धान को भीगने से बचाने के लिए तिरपाल तक मुहैया नहीं करा पाई। किसानों का कहना था कि खरीद शुरू होने के बावजूद धान की खरीद नहीं होने से उन्हें नुकसान हुआ है।
वहीं बारिश से खेतों में खड़ी फसल का दाना खेत में झड़ जाएगा। अब गिरी धान की फसल की कटाई करने के लिए मजदूर भी नहीं मिलेंगे। कंपाइन से कटवाने में भी काफी परेशानी होगी। फसल गिरने से किसानों को भारी नुकसान होने का अंदेशा है। किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि फसल में हुए नुकसान की भरपाई के लिए गिरदावरी करवाकर मुआवजा दिया जाए। कृषि विशेषज्ञ डॉ. महावीर मलिक का कहना है कि बारिश से किसानों को काफी नुकसान होगा।
अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान बोले : पलवल अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान गौरव तेवतिया का कहना है कि पलवल अनाज मंडी में फसल की हजारों बोरियां बारिश के कारण भीग गईं। बारिश की आशंका के चलते हमने अधिकारियों को पहले ही सभी तैयारी पूरी करने का आग्रह किया था। मगर कोई तैयारी नहीं की गई।