देशपाल सरौत/हप्र
पलवल, 31 जनवरी
पलवल जिले के किसानों ने फिर से आंदोलन का बिगुल फूंक दिया। यहां मंडी धर्मशाला ग्राउंड में आयोजित महापंचायत में किसानों ने एक स्वर में ऐलान किया कि सोमवार को पलवल के केजीपी-केएमपी चौक स्थित उसी स्थान से धरना-प्रदर्शन कर आंदोलन की शुरुआत की जाएगी, जहां से 27 जनवरी को पुलिस प्रशासन के दवाब में मध्यप्रदेश-बुंदेलखंड के किसानों का धरना समाप्त कराया था। महापंचायत की अध्यक्षता 52 पालों के अध्यक्ष अरुण जेलदार ने की। महापंचायत में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान व मध्य प्रदेश के किसान नेताओं ने भी हिस्सा लिया।
महापंचायत में एक कमेटी भी बनाई गई जो धरने को चलाने की रुपरेखा तैयार करेगी। किसानों ने कहा कि अब किसानों का धरना तभी समाप्त होगा जब तीनों कृषि कानून वापस होंगे। पूर्व कृषि मंत्री करण दलाल, पूर्व विधायक रघुबीर तेवतिया, पूर्व विधायक उदयभान व 52 पालों के अध्यक्ष अरूण जेलदार ने कहा कि 26 जनवरी को पलवल के गदपुरी में निहत्थे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर किसानों का घोर अपमान किया और उलटे किसानों पर ही मामले दर्ज किये गये हैं, जिसके लिए पुलिस और हरियाणा सरकार जिम्मेदार है। सरकार किसानों पर दर्ज मामले तुरंत वापस ले। उन्होंने किसान आंदोलन को हर संभव समर्थन देने का वादा भी किया। वहीं पूर्व सांसद अवतार भड़ाना ने कहा कि पलवल की धरती जब मुगलों व अंग्रेजों के सामने नहीं झुकी तो अब दिल्ली में बैठे हुकमरानों के सामने हम क्या झुकेंगे। उन्होंने कहा कि जनशक्ति के आगे बड़ी से बड़ी शक्ति और सरकारें हमेशा झुकी हैं।
इस मौके पर पूर्व मंत्री महेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व विधायक एवं तेवतिया पाल के प्रमुख पंच रघवीर सिंह तेवतिया, पूर्व विधायक उदयभान, विधायक आफताब अहमद व मोहम्मद इलियास, विजय प्रताप सिंह, तरूण तेवतिया, जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक चौहान, शशिबाला तेवतिया के अलावा भारतीय किसान मजूदर यूनियन(राष्ट्रवादी) के जिलाध्यक्ष राजेश रावत बहीन, भाकियू के राष्ट्रीय सचिव रतन सिंह सौरोत, अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष धर्मचंद शर्मा आदि मौजूद थे।
बसताड़ा टोल प्लाजा पर क्रमिक अनशन शुरू
घरौंडा (निस) : बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों का धरना आज तीसरे दिन में प्रवेश कर गया है। तय घोषणा के अनुसार किसानो ने रविवार को टोल पर ही अपना धरना देकर क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कऱ दी है। क्रमिक भूख हड़ताल पर सात किसान बैठे हैं। किसानों ने चेताया कि सरकार कितने भी हथकंडे अपना ले किसान अब डरने या झुकने वाला नहीं है। धरने पर आज पिछले दो दिनों से ज्यादा किसान पहुंचे और तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने के लिए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।