चंडीगढ़, 20 सितंबर (ट्रिन्यू)
केंद्र सरकार के कृषि से जुड़े तीन कानूनों पर हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला घिर चुके हैं। किसान आंदोलन के बीच रविवार को उन्हें इस पूरे मुद्दे पर खुलकर बोलना ही पड़ा। दुष्यंत की जननायक जनता पार्टी, भाजपा के साथ सत्ता में गठबंधन सहयोगी है। पिछले तीन-चार दिनों से सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे दुष्यंत ने रविवार को एक बार फिर खुद को किसानों के साथ बताया।
वहीं नारनौंद से जजपा विधायक रामकुमार गौतम, टोहाना से देवेंद्र सिंह ‘बबली’ के बाद अब बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग ने भी सुर बदल लिए हैं। किसानों से जुड़े तीनों कानूनों पर खुद को पार्टी स्टैंड से अलग करते हुए सिहाग ने साफ कहा है कि वे इन कानूनों के समर्थन में नहीं हैं। अलबत्ता उन्होंने यहां तक कह दिया है कि अगर जरूरत पड़ी तो वे विधायक पद से इस्तीफा देने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
पड़ोसी राज्य पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) भी इन कानूनों का विरोध कर रहा है। अकाली नेता हरसिमरत कौर बादल ने तो केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा भी दे दिया है। बादल परिवार के साथ दुष्यंत के राजनीतिक ही नहीं पुराने पारिवारिक संबंध हैं। इस वजह से भी दुष्यंत पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। सोशल मीडिया पर लगातार हो रहे हमलों और विपक्षी दलों के आरोपों के बीच रविवार को दुष्यंत ने कहा, ‘किसान का बेटा हूं और किसान के साथ किसी सूरत में अन्याय नहीं होने दूंगा’।
उन्होंने कहा, केंद्र सरकार ने कृषि संबंधित नये कानूनों में कहीं भी फसलों की एमएसपी को समाप्त करने की बात नहीं कही है। किसानों की फसल अनाज मंडियों में बिना किसी रुकावट के निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर ही खरीदी जाएंगी। ज्यादा कीमत का अवसर मिलने पर किसान चाहेंगे तो ओपन मार्केट में भी बेच सकेंगे। दुष्यंत ने कहा, जिस दिन अन्नदाताओं को उनकी फसल का एमएसपी देने की व्यवस्था पर कोई आंच आएगी तो उसी दिन मैं अपना पद छोड़ दूंगा।
हुड्डा से सवाल-दोहरी नीति क्यों अपना रहे
पूर्व सीएम हुड्डा पर सवाल दागते हुए दुष्यंत ने कहा कि हुड्डा किसानों को बताएं कि उनके इस दोहरी नीति अपनाने के पीछे क्या मजबूरी है और कांग्रेस प्रदेश के किसानों को क्यों गुमराह कर रही है। डिप्टी सीएम ने कहा कि यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में भी कांग्रेस पार्टी के विजन डॉक्यूमेंट में कॉन्ट्रेक्ट फाॅर्मिंग की वकालत की गई थी लेकिन राजनीति से विवश कांग्रेसी आज व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं, जबकि यह किसानों के लिए खुशहाली के नए रास्ते खोलने वाला कदम है।
एमएसपी का अधिकार रहेगा बरकरार
दुष्यंत ने कहा, किसानों के लिए एमएसपी का अधिकार बरकरार रहेगा और इस विषय पर आम लोग किसी के बहकावे में न आएं। कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किसानों को गुमराह करने में लगे हैं। दुष्यंत ने कहा कि खुद सीएम रहते हुए हुड्डा न केवल ओपन मार्केट की वकालत करते थे बल्कि केंद्र की तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार द्वारा कृषि सुधारों के लिए गठित समिति के चेयरमैन के तौर पर इन सिफारिशों पर उनके दस्तखत भी हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार अगले माह से खरीफ फसलों का एक-एक दाना तय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। उन्होंने किसानों की शंकाओं को दूर करते हुए कहा कि बाजरा, धान के अलावा पहली बार मक्का की फसल की भी सरकार एमएसपी पर खरीद करेगी। सरकार द्वारा की गई खरीफ की फसल खरीद का भुगतान एक सप्ताह के भीतर-भीतर किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरे लिए किसान के हित सर्वोपरि हैं। किसानों को लेकर उनकी नीयत में न कभी खोट आया और न कभी आगे आएगा।