प्रविंद्र सांगवान/निस
बाढड़ा, 30 अगस्त
दादरी जिले में नरमा की मौजूदा फसल पूरी तरह खराब हो गई है, वहीं पिछले सीजन की सरसों की फसलों पर ओलावृष्टि का बकाया मुआवजा वितरण कार्य अधर में लटकाकर सरकार इस क्षेत्र के साथ उपेक्षा बरत रही है। बिजली विभाग की छापेमारी अभियान के कारण उपभोक्ताओं में भय का माहौल पैदा किया जा रहा है। भाकियू सरकार को 2 दिन का समय देती है, जिसमें प्रभावित क्षेत्र की स्पेशल गिरदावरी करने व बिजली छापेमारी बंद न करने की सूरत में 2 सितंबर के बाद एसडीएम कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन कर बेमियादी आंदोलन की शुरुआत करेगी।
यह निर्णय कस्बे के किसान भवन में भाकियू अध्यक्ष धर्मपाल बाढड़ा की अध्यक्षता में आयोजित गैठक में लिया गया। बैठक को संबोधित करते हुए भाकियू महासचिव हरपाल भांडवा व नंबरदार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजबीर हंसावास ने कहा कि उपमंडल क्षेत्र के खेतों में नरमे की फसल बुरी तरह बर्बाद हो गई है, जिससे किसानों के सामने भुखमरी की नौबत पैदा हो गई है। पिछले रबी सीजन में यहां पर दो बार हुई ओलावृष्टि के कारण किसानों की फसलें पूरी तरह चौपट हो गई थीं, जिस पर सरकार ने भाकियू के दबाव में स्पेशल गिरदावरी करवाकर उपमंडल के 30 गांवों की चौबीस हजार एकड़ को प्रभावित मानते हुए 17 करोड़ की राशि जारी की थी, लेकिन वह भी उपायुक्त व एसडीएम कार्यालय में अटकी हुई है, जिसके कारण प्रभावित किसान बैंकों में अपना ऋण तक नहीं चुका पा रहे हैं।
हजारों एकड़ नरमा तबाह, स्पेशल गिरदावरी हो : मान
बाढड़ा (निस) : उपमंडल के तीस गांवों के खेतों में पकी हुई नरमा की फसल काली पड़कर बुरी तरह झुलस कर बर्बाद हो गई है। इससे किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है, जिसके लिए राजस्व विभाग को अविलंब प्रभावित क्षेत्र की स्पेशल गिरदावरी करवाकर बीमा कंपनियों को अपने चयनित रकबे के भू-मालिकों व शेष किसानों को राजस्व विभाग से मुआवजा जारी करवाना करवाना चाहिए। साथ ही रबी सीजन में ओलावृष्टि प्रभावित मुआवजे मे देरी को लेकर सरकार को अविलंब कदम उठाना चाहिए। यह बात प्रदेश के पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान ने आज क्षेत्र के गांव हंसावास कलां, हंसावास खुर्द, बाढड़ा, पंचगावां, उमरवास, जीतपुरा, रामबास, चांदवास, जीतपूरा, उमरवास, काकड़ौली व हड़ौदी में किसानों की फसलों के निरीक्षण करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने किसानों की समस्याएं सुनी तथा उनको आश्वासन दिया कि वे इस मामले में प्रदेश के सीएम, कृषि मंत्री को पत्र लिखकर इस क्षेत्र में हुए नुकसान की भरपाई के लिए विशेष बजट जारी करने व कृषि विश्वविद्यालय समेत कृषि विशेषज्ञों की टीम भेज कर इस रोग से मुक्ति दिलवाने के लिए विशेष रिसर्च करवाने की भी मांग करेंगे।