ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 11 अगस्त
सरकार के आंकड़ों के हिसाब से भी हरियाणा में बेरोजगारी की दर 8.3 प्रतिशत है। हालांकि प्राइवेट एजेंसी ndash; सीएमआईई प्रदेश में 30 प्रतिशत से भी अधिक बेरोजगारी दर बताती है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में कुल 8 लाख 39 हजार 742 युवा ऐसे हैं, जिन्होंने खुद को बेरोजगार के रूप में पंजीकृत करवाया हुआ है। हालांकि सरकार का दावा फिर भी यही है कि इनमें सभी बेरोजगार नहीं हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि रोजगार नहीं मिलने की वजह से पिछले आठ वर्षों में आठ युवा आत्महत्या कर चुके हैं। सबसे अधिक बेरोजगारी जींद और हिसार जिले में है। सबसे कम बेरोजगारी वाले जिलों में गुरुग्राम और फरीदाबाद टॉप पर हैं। महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने सरकार से इस बाबत आंकड़ा मांगा था। उनके अतारांकित सवाल के जवाब में श्रम एवं रोजगार मंत्री अनूप धानक ने पूरी रिपोर्ट सदन में टेबल की।
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में बेरोजगारी दर 8.3 प्रतिशत है। हरियाणा विजन-2030 में 86 लाख श्रम शक्ति की भविष्यवाणी की गई है। उनका कहना है कि कुल 8 लाख 39 हजार के लगभग आवेदक विभागीय पोर्टल पर पंजीकृत हैं, लेकिन सभी नौकरी की तलाश में नहीं हैं। इनमें से कुछ काम भी कर रहे हैं और भविष्य में रोजगार के बेहतर अवसरों के लिए उन्होंने खुद का रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ है। बेरोजगारों में 1 लाख 37 हजार 666 ग्रेजुएट युवा हैं। वहीं पोस्ट ग्रेजुएट बेरोजगार युवाओं की संख्या 37 हजार 220 है। इसी तरह से 65 हजार 974 ऐसे युवा हैं, जिन्होंने प्रोफेशनल (पेशेवर) डिग्री हासिल की हुई है। युवाओं के सुसाइड से जुड़े कुंडू के सवाल पर राज्य मंत्री ने बताया कि 2014 से 2023 तक प्रदेश में बेरोजगारी के संभावित कारणों से आठ युवाओं के आत्महत्या के मामले संज्ञान में आए हैं।