भिवानी, 29 अप्रैल (हप्र)
प्रेमनगर गांव में बृहस्पतिवार को मेडिकल कॉलेज के निर्माण और कृषि कानूनों को लेकर किसान महापंचायत हुई। जिसे राकेश टिकैत ने संबोधित किया। इस दौरान अंधड़ से वहां का पंडाल उखड़ गया। राकेश टिकैत व गुरनाम सिंह चढूनी ने इसके बावजूद लोगों को संबोधित किया और कहा कि किसान न कोरोना से डरता है और न धारा-144 से। सरकार कोई भी गाइडलाइंस जारी कर दे, हम मोर्चा नहीं छोड़ेंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि भाजपा सरकारी पंचायत बंद कर दे ताे हम भी किसान महापंचायत नहीं करेंगे। नवंबर या दिसंबर तक सरकार से वार्ता होने की उम्मीद है। हम वार्ता के लिए तैयार है पर शर्त के साथ, क्योंकि हम सरकार से भीख नहीं मांग रहे। सरकार कोई गाइडलाइंस जारी कर दे, हम मोर्चे नहीं छोड़ेंगे। आज़ादी का आंदोलन 90 साल चला था, हमें तो पांच माह ही हुये हैं।
किसान-मजदूर एक साथ चलाएंगे आंदोलन
सोनीपत (हप्र) : किसान संयुक्त मोर्चा और ट्रेड यूनियनों में बृहस्पतिवार को हुई एक बैठक में आंदोलन को सांझे तौर पर चलाने का फैसला हुआ। दोनों संगठनों का कहना है कि केंद्र की सरकार श्रमिक और किसानों के विरोध में फैसले ले रही है। ऐसे में उन्हें एक मंच पर आकर इसका विरोध करना होगा। इसके साथ ही किसान संयुक्त मोर्चा ने 30 अप्रैल को गुरु तेगबहादुर का प्रकाशपर्व सभी मोर्चों पर मनाने का फैसला किया है। बैठक में पंजाब की 32 जत्थे बंदियां भी मौजूद रही। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़, बलवीर सिंह राजेवाल, डाॅ.दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उग्राहां, युद्धवीर सिंह ने कहा कि किसान और मजदूरों का एक मंच पर आना सरकार के लिए संकट का कारण बनेगा।