दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 24 फरवरी
हरियाणा में ‘खाकी’ की जवाबदेही तय होगी। पुलिस थानों व चौकियों में दर्ज होने वाले मुकदमों पर गृह मंत्रालय की सीधी नजर रहेगी। प्रदेश के किस थाने या चौकी में केस दर्ज हुआ और इसका अब स्टेटस क्या है, इसके लिए रिपोर्ट लेने की जरूरत होगी, बल्कि सीधे चंडीगढ़ से ही एक्शन होगा। ऐसे में थानों-चौकियों में प्रभारी केस दर्ज होने के बाद भी उस पर कार्रवाई नहीं होने को लेकर किसी तरह का बयान नहीं बना सकेंगे।
पुलिस विभाग ने मुकदमों के स्टेटस के लिए ऑनलाइन पोर्टल तैयार करवा लिया है। गृह मंत्री अनिल विज आला अधिकारियों के साथ इस पोर्टल का ट्रायल भी देख चुके हैं। अब 15 दिनों के लिए इसे पूरे प्रदेश में ट्रायल के तौर पर लागू किया जाएगा। ट्रायल कम्पलीट होने के बाद इस पोर्टल को विधिवत रूप से लागू किया जाएगा। पोर्टल के जरिये डीजीपी व होम सेक्रेटरी ही नहीं, खुद गृह मंत्री भी अपने दफ्तर/घर से ही पूरा स्टेटस चेक कर सकेंगे।
इतना ही नहीं, पुलिस में बॉटम-टू-टॉप जवाबदेही भी फिक्स कर दी है। केस दर्ज होने के बाद एसएचओ को उस पर तुरंत एक्शन लेना होगा। 10 दिनों के अंदर अगर कार्रवाई नहीं हुई तो एसएचओ से जवाब-तलब होगा। 20 दिन भी अगर संबंधित एफआईआर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो फिर डीएसपी की क्लास लगेगी। एएसपी (एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) के पास 30 दिन तक का समय रहेगा। 30 दिन के बाद एएसपी से भी जवाब लिया जाएगा।
इतना कुछ होने के बाद भी अगर संबंधित मामला आगे नहीं बढ़ा तो 45 दिन बाद खुद एसपी को जवाब देना होगा। इसी तरह से आईजी और फिर एडीजीपी तक की जवाबदेही सरकार ने फिक्स कर दी है। बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में हुई प्रेस कांफ्रेंस में गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि पोर्टल पर केस के दर्ज होने से लेकर उसमें हो रही देरी तक का पूरा रिकार्ड अपडेट रहेगा। इसमें किसी तरह की बहानेबाजी नहीं चलेगी।
‘विज आपको और मैं विज को बता देता हूं मन की बात’
सीएम और गृह मंत्री के बीच अकसर किसी न किसी मुद्दे पर तर्क-वितर्क की बात सामने आती है। मुखर विज हर मुद्दे पर बेबाकी से अपनी बात रखते हैं। डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को हाई सिक्योरिटी के मामले में विज ने कहा था कि उनके पास इससे जुड़ी फाइल नहीं आई। यह पहला मौका था जब सीएम मनोहर लाल खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज ने संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस की। सो, ऐसे में मीडिया के सवाल भी उठने ही थे। विज के साथ मनमुटाव से जुड़े सवाल पर सीएम ने कहा कि ‘विज साहब और मेरे बीच बहुत पुरानी दोस्ती है। बैंक की नौकरी छोड़ने के बाद जब विज साहब ने अंबाला कैंट से पहला चुनाव लड़ा था तो उस समय भी मैं वहीं था।’ विज ने कहा, ‘मेरी मुख्यमंत्री से अच्छी मित्रता है। किसी मुद्दे पर हमारे मत अलग हो सकते हैं, लेकिन मन एक है।’ जब मीडिया ने कहा कि विज साहब तो अपने मन की बात बता देते हैं, लेकिन आपके (सीएम) मन की बात पता नहीं लगती। इस पर चुटकी लेते हुए सीएम ने कहा, ‘विज साहब अपने मन की बात आपको बता देते हैं और मैं अपने मन की बात विज साहब को बता देता हूं।’ राम रहीम सिंह हाई सिक्योरिटी मामले में सीएम ने कहा, समय-समय पर सिक्योरिटी का रिव्यू होता है। अगर आगे भी ऐसा कुछ सामने आता है तो ड्रोन हमले के हिसाब से सिक्योरिटी को देखेंगे।