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यौन उत्पीड़न आरोपी अधिकारी की बर्खास्तगी में पीड़िता की पहचान उजागर

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वकील ने राज्यपाल को लिखा पत्र
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चंडीगढ़, 28 अप्रैल (ट्रिन्यू)हरियाणा सरकार द्वारा एचसीएस अधिकारी रीगन कुमार की बर्खास्तगी को लेकर जारी किए आदेश में पीड़िता की पहचान उजागर हो गई है। इस संबंध में कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम-2013 के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से शिकायत की है।

राज्यपाल की स्वीकृति के बाद प्रदेश सरकार ने 22 अप्रैल को गजट नोटिफिकेशन जारी किया था। रीगन कुमार के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश में यह गंभीर चूक सामने आई है। गजट में प्रकाशित विवरण में पीड़िता का नाम 15 बार दर्ज किया है। पीड़िता की व्यक्तिगत पहचान से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करना कानून द्वारा वर्जित है। हेमंत कुमार का कहना है कि कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम-2013 की धारा-16 के तहत पीड़िता की पहचान गोपनीय रखना अनिवार्य है।

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यहां तक कि आरटीआई एक्ट में भी पीड़ित महिला कर्मचारी का नाम और उसकी पहचान से संबंधित सूचना प्राप्त नहीं की जा सकती। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट या अन्य कोर्ट द्वारा ऐसे मामलों फैसला सुनाए जाने के दौरान उसमें पीड़ित महिला का नाम गुप्त रखा जाता है। हेमंत कुमार ने बताया कि ये बेहद गंभीर मामला है। इसकी गंभीरता इसी बात से स्पष्ट है कि ये गजट नोटिफिकेशन पूरी तरह से कानूनी प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है। इस गजट नोटिफिकेशन में पीड़िता की निजता का हनन है। यह प्रशासनिक लापरवाही का गंभीर मामला भी है।

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