दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 26 फरवरी
हरियाणा के डीजीपी को लेकर राज्य में बड़ा टकराव होता दिख रहा है। गृहमंत्री अनिल विज मौजूदा डीजीपी मनोज यादव को एक्सटेंशन देने के हक में नहीं हैं। अलबत्ता उन्होंने फाइल पर ही नोटिंग कर दी है। इसमें लिखा है, ‘मैं स्पष्ट तौर पर मानता हूं कि डीजीपी को एक्सटेंशन नहीं दी जानी चाहिए। इस फैसले पर किसी तरह की कानूनी राय लेने की जरूरत भी नहीं है’।
दरअसल, विज ने 23 फरवरी को गृह सचिव राजीव अरोड़ा को पत्र लिखकर आदेश दिए थे कि नये डीजीपी के लिए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम का पैनल तैयार किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार, यह पैनल यूपीएससी के पास भेजा जाना है। यूपीएससी वरिष्ठता सूची, सर्विस व ट्रैक रिकार्ड के आधार पर राज्य सरकार द्वारा भेजे जाने वाले पैनल में से तीन अधिकारियों के नाम का चयन करता है। इसके बाद सरकार इन तीन में से किसी एक को डीजीपी लगा सकती है। मनोज यादव की हरियाणा में एंट्री 2019 में हुई थी। उन्हें दो वर्षों के लिए डीजीपी लगाया गया था। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के हिसाब से यूपीएससी से आए पैनल में उनका नाम था। विज और डीजीपी के बीच पटरी नहीं बैठ रही। इसी के चलते विज ने पहले 31 दिसंबर को गृह सचिव को पत्र लिखकर पैनल बनाने के निर्देश दिए। इस चिट्ठी के बाद पैनल तो नहीं बना, अलबत्ता डीजीपी को आगामी आदेश तक के लिए एक्सटेंशन के आर्डर सरकार ने जनवरी में जारी कर दिए। डीजीपी का दो वर्ष का कार्यकाल 23 फरवरी को पूरा हो गया। इसी दिन विज ने गृह सचिव को फिर से पत्र लिखा और आदेश दिए कि तुरंत पैनल बनाकर भेजा जाए। बृहस्पतिवार को गृह सचिव ने सीलबंद लिफाफे में विज को लेटर भेजा। इस लेटर में राजीव अरोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का कानूनी अध्ययन कराने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए थे कि डीजीपी पद पर कम से कम 2 वर्षों के लिए नियुक्ति की जानी चाहिए। वहीं विज की दलील है कि केंद्र ने मनोज यादव को दो वर्षों के लिए ही डीजीपी बनाया था। गृह सचिव द्वारा कानूनी राय लेने की टिप्पणी विज को रास नहीं आई है। उन्होंने इस पर कानूनी राय लेने से इनकार करते हुए स्पष्ट कहा है कि जब दो साल के लिए पोस्टिंग हुई थी तो अब एक्सटेंशन का मतलब ही नहीं है।
इस मामले में कानूनी सलाह की भी जरूरत नहीं है। साथ ही, उन्होंने अपनी राय देते हुए लिखा, मैं स्पष्ट तौर पर मानता हूं कि डीजीपी को एक्सटेंशन देने की कोई जरूरत नहीं है। माना जा रहा है कि इस चिट्ठी के बाद अब यह मामला सीएमओ में जा सकता है।
सीएम को विज की गोपनीय चिट्ठी
जहरीली शराब से 47 लोगों की मौत व अवैध शराब तस्करी मामले में विज ने सीएम मनोहर लाल खट्टर को गोपनीय चिट्ठी लिखी है। एडीजीपी श्रीकांत जाधव की अध्यक्षता वाली स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) की रिपोर्ट की स्टडी करने और उसे पूरी तरह से पढ़ने के बाद ही विज ने सीएम को पत्र लिखा है। सीएम को एसआईटी की रिपोर्ट के साथ विज ने कई अधिकारियों पर कार्रवाई की भी सिफारिश की है। विज का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से जवाब आने के बाद ही अगली कार्रवाई होगी।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत से मिले अनिल विज
जहरीली शराब व शराब तस्करी मामले में एसआईटी की रिपोर्ट को लेकर चल रहे विवाद के बीच गृह मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला से मुलाकात की। विज दफ्तर का कामकाज निपटाने के बाद दुष्यंत की चंडीगढ़ के सेक्टर-2 स्थित कोठी नंबर-48 पर पहुंचे। यहां काफी देर तक दोनों के बीच बातचीत हुई। इससे पहले विज ने मीडिया से बातचीत में दुष्यंत से जुड़े सवाल पर कहा, ‘मैं और दुष्यंत अच्छे दोस्त हैं। आप लोग वैसे ही हमारे बीच टकराव पैदा करने की कोशिश करते हैं’।