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हैदराबाद की नृत्यांगना प्रेरणा अग्रवाल ने बताई कत्थक की बारीकियां

‘सूरदास काव्य और कत्थक’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन

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यमुनानगर के गुरु नानक गर्ल्स कॉलेज में बृहस्पतिवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि का स्वागत करते कॉलेज प्रबंधक। -हप्र
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यमुनानगर, 4 अप्रैल (हप्र )

गुरु नानक गर्ल्स कॉलेज, यमुनानगर में अर्थशास्त्र व हिन्दी विभाग के संयुक्त रूप से उच्चतर शिक्षा विभाग, पंचकुला द्वारा मान्यता प्राप्त एकदिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला ‘साधना : सूरदास काव्य और कत्थक ‘विषय पर आधारित रही। जिसमें एम.एल .एन. काॅलेज, यमुनानगर के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष व वरिष्ठ हिन्दी साहित्यकार प्रो. बी. मदन मोहन और कत्थक के विभिन्न घरानों से सम्बद्ध हैदराबाद की वरिष्ठ कत्थक नृत्यांगना प्रेरणा अग्रवाल मुख्य वक्ता के रुप में उपस्थित रहे।

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कार्यक्रम का आरंभ प्रेरणा अग्रवाल के शास्त्रीय नृत्य की मनभावन प्रस्तुति के साथ हुआ। विचार रखते हुए डाॅ .बी मदन मोहन ने सूर साहित्य की प्रमुख विशेषताओं के बारे में बताया कि- सूर का समस्त जीवन कृष्ण से जुड़ा हुआ है। सूर काव्य संवाद वास्तव में समग्र कृष्ण काव्य ही कत्थक का मूल आधार है,तो वहीं तकनीकि सत्र में ‘ऊधौ मन नाहीं दस -बीस’ रागिनी पर भावपूर्ण प्रस्तुति देते हुए कत्थक नृत्यांगना प्रेरणा अग्रवाल ने कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को कत्थक नृत्य की बारीकियों को बताते हुए बच्चों से कहा कि नृत्य हृदय के भावों को भाव-भंगिमाओं के माध्यम से बाहर निकालने का नाम है। उन्होंने कहा कि कत्थक भावों पर आधारित है। रस निष्पत्ति के अभाव में नृत्य की सफल अभिव्यक्ति संभव नहीं है।

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सूर का काव्य कत्थक नृत्य के बहुत समीप है। कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय की निदेशिका डॉ. वरिंद्र गांधी व प्राचार्य डाॅ. हरविंद्रर कौर के मार्गदर्शन में हुआ। इस अवसर पर काॅलेज निदेशिका डाॅ. वरिन्द्र गांधी ने कहा कि छात्रों को सूरदास की रचनाओं से अपनी प्रतिभाओं को निखारना चाहिए। कार्यक्रम में प्रो. बबिला चौहान, डॉ. गीतू में अपनी भूमिका निभाई।

इस अवसर पर महाविद्यालय के अर्थशास्त्र व हिन्दी विभाग के शिक्षकों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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