सिरसा, 21 मई(निस)
स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित रोगियों की पहचान करने के लिए गांवों में डोर टू डोर सर्वे तो शुरू करवा दिया है, लेकिन आवश्यक संसाधनों के अभाव में सर्वे करने वाली टीमों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर दड़बा कलां पीएचसी के तहत आने वाले गांवों की आशा वर्करों ने सेनेटाइजर, मास्क थर्मल स्कैनर की कमी को लेकर सीएससी प्रभारी को ज्ञापन सौंपा।
आशा वर्करों ने ज्ञापन में कहा कि जब तक आवश्यक सुविधाएं नहीं दी जाएंगी तब तक वह सर्वे नहीं करेंगी। कागदाना व बाजेकां पीएचसी के तहत आने वाली आशा वर्करों ने भी पीएचसी प्रभारी को ज्ञापन सौंपा। दड़बा कलां, कागदाना, बाजेकां पीएचसी के तहत आने वाली आशा वर्कर्स रेणु, कमलेश आदि ने ज्ञापन में मांग की है कि उनकी ड्यूटी कोविड-19 के तहत सर्वे करने के लिए लगा दी गई है, लेकिन उन्हें मास्क, सेनेटाइजर और थर्मल स्कैनर उपलब्ध नहीं कराए गए हैं, ऐसे में वो बिना ‘हथियार’ कैसे कोरोना मरीजों की पहचान कर पाएंगी।
जल्द सामान मिलेगा
दड़बा कला पीएचसी प्रभारी अवतार सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गांवों में कोरोना संक्रमितों की पहचान के लिए टीमों द्वारा डोर टू डोर सर्वे किया जा रहा है, लेकिन पीछे से मास्क, सेनेटाइजर और थर्मल स्केनर कम मिले हैं इसको लेकर आशा वर्करों ने एक मांग पत्र दिया है। जल्द ही आशा वर्करों को पूरा सामान उपलब्ध करवा दिया जाएगा।