हुड्डा का बड़ा ऐलान : पूरे हरियाणा के स्टेडियमों का करेंगे दौरा
हुड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के समय तैयार किया गया विश्वस्तरीय खेल इंफ्रास्ट्रक्चर आज खंडहर बनने की कगार पर है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल में स्पोर्ट्स टैलेंट हंट, खेल अकादमियां, खिलाड़ियों के लिए ऊंच पदों पर नियुक्तियां, और देश में सबसे ज्यादा नकद पुरस्कार जैसी नीतियां लागू की गई थीं, जिससे हरियाणा खेलों की राजधानी बनकर उभरा। भाजपा सरकार ने न सिर्फ इन योजनाओं को रोक दिया, बल्कि मौजूदा सुविधाओं का रख-रखाव भी बंद कर दिया, जिसकी कीमत आज खिलाड़ियों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है।
स्टेडियमों का सोशल ऑडिट करूंगा
हुड्डा ने कहा कि उनका स्टेडियम दौरा सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं होगा। वे हर शहर में खिलाड़ियों से मुलाकात, क्लबों से बातचीत, और स्थानीय खेल सुविधाओं का ‘सोशल ऑडिट’ करेंगे, ताकि यह पता चल सके कि खेल मैदानों की वास्तविक स्थिति क्या है और किन वजहों से हादसे हो रहे हैं। यहां बता दें कि खेल विभाग में लापरवाही सामने आने पर नायब सरकार पहले ही बड़ी कार्रवाई कर चुकी है। प्रधान सचिव नवदीप सिंह विर्क और निदेशक संजीव वर्मा को पद से टाया जा चुका है। लेकिन हुड्डा का कहना है कि यह कार्रवाई ऊपरी स्तर की औपचारिकता है। असली जिम्मेदारियां तय होने तक मामला शांत नहीं होगा।
एसवाईएल और चंडीगढ़ के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा
बातचीत के दौरान हुड्डा ने पानी और चंडीगढ़ के मसले पर भी भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि एसवाईएल पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पानी नहीं मिला। हरियाणा के हक की रक्षा में सरकार पूरी तरह नाकाम है। चंडीगढ़ पर सरकार की ‘ढुलमुल नीति’ को भी उन्होंने सवालों के घेरे में रखा। हुड्डा ने चुनाव आयोग की ओर से चल रही एसआईआर प्रक्रिया में अनावश्यक हड़बड़ी पर भी चिंता जताई और कहा कि काम का दबाव बढ़ने से बीएलओ आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं, जो बेहद गंभीर मामला है।
