ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 13 मई
कैथल के कसान गांव में पंचायत भवन के एक कमरे में आंगनबाड़ी और उपस्वास्थ्य केंद्र चल रहा है। इन दोनों विभागों को एक पर्दे से पार्टिशन कर अलग किया गया है। पर्दे के इस तरफ आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे क, ख, ग का सबक सीखते हैं तो उस तरफ उपस्वास्थ्य केंद्र में आए लोगों का इलाज चलता है। कभी बच्चों के ‘पहाड़े’ सुनाई देते हैं तो कभी दर्द में कराहते मरीजों की आवाजें। परेशान सब हैं।
यहां आने वाले मरीज भी। काम करने वाले कर्मचारी भी। लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं। कई वर्षाें से सब कुछ ऐसे ही चल रहा है। भवन में कहने को टॉयलेट है, पर यह किसी काम का नहीं। न इसमें दरवाजा है और न ही पानी की सुविधा। आंगनबाड़ी के बच्चे बाहर खुले में टॉयलेट जाते हैं। अगर स्वास्थ्य केंद्र में आई किसी गर्भवती महिला को यूरिन का सैंपल देना पड़े तो उसे पड़ोस में किसी के घर जाकर टॉयलेट का इस्तेमाल करना पड़ता है। पंचायत भवन के इस एक कमरे के आगे बने शेड का पिल्लर जर्जर हो चुका है। लेंटर से लगातार मलबा गिर रहा है। इससे हादसे की आशंका बनी रहती है। कमरे के साथ बनी चारदीवारी के पास आवारा पशु बैठते हैं।
पड़ोस में बनता है नौनिहालों का खाना : आंगनबाड़ी वर्कर्स ने पड़ाेस में ही एक कमरा किराये पर लिया हुआ है। यहीं नौनिहालों के लिए भोजन पकाया जाता है। आंगनबाड़ी वर्कर पिंकी और चन्द्रावती ने कहा कि उन्होंने रसोई के लिए जगह उपलब्ध कराने की मांग की है। लेकिन अब तक इसकी व्यवस्था नहीं हो पाई।
बच्चों के लिए ठीक नहीं : मनोरोग विशेषज्ञ : मनोरोग विशेषज्ञ डा. विवेक गर्ग ने कहा कि अगर उपस्वास्थ्य केंद्र के पास आंगनबाड़ी केंद्र चल रहा है तो इसका बच्चों के दिमाग पर गलत असर पड़ेेगा। अस्पताल में चलने वाली गतिविधियों से बच्चा डिप्रेशन में जा सकता है। बच्चों को फोबिया जैसी बीमारी भी हो सकती है।
समस्या के समाधान का प्रयास करेंगे : डीसी
डीसी प्रदीप दहिया ने कहा कि अगर ऐसा है तो निरीक्षण किया जाएगा। समस्या का समाधान करवाने का प्रयास किया जाएगा। समस्या के हल के लिए डी प्लान में कमरे का निर्माण करवाया जाएगा।
कमरे की मरम्मत भी नहीं करवा पाए : माजरा
विधायक रामपाल माजरा से कहा कि चौटाला सरकार में वर्ष 2004 में उन्होंने पंचायत घर के तौर पर इस कमरे का उद्घाटन किया था। सत्ताधारी लोग हलके में कोई नया काम करना तो दूर एक कमरे व बिल्डिंग की मरम्मत भी नहीं करवा सके।