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हकृवि ने उच्च गुणवत्ता युक्त मक्का हाइब्रिड एचक्यूपीएम 28 की विकसित

हिसार, 24 सितंबर (हप्र) चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, करनाल ने चारे के लिए अधिक पैदावार देने वाली उच्च गुणवत्ता युक्त प्रोटीन मक्का (एचक्यूपीएम) की संकर किस्म एचक्यूपीएम 28 विकसित की है। यह संकर किस्म...

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कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज हाइब्रिड एचक्यूपीएम 28 विकसित करने वाली वैज्ञानिकों की टीम के साथ।
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हिसार, 24 सितंबर (हप्र)

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, करनाल ने चारे के लिए अधिक पैदावार देने वाली उच्च गुणवत्ता युक्त प्रोटीन मक्का (एचक्यूपीएम) की संकर किस्म एचक्यूपीएम 28 विकसित की है। यह संकर किस्म फसल मानकों और कृषि फसलों की किस्मों की रिहाई पर केंद्रीय उपसमिति द्वारा भारत में खेती के लिए अनुमोदित की गई है जिसमें उत्तर प्रदेश का बुंदेलखंड क्षेत्र, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ शामिल हैं। वैज्ञानिकों की जिस टीम ने इसको विकसित करने में मुख्य योगदान दिया उनमें डॉ. एमसी कम्बोज, प्रीति शर्मा, कुलदीप जांगिड़, पुनीत कुमार, साईं दास, नरेन्द्र सिंह, ओपी चौधरी, हरबिंदर सिंह, नमिता सोनी, सोमबीर सिंह और संजय कुमार शामिल हैं।

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विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज ने बताया कि यह नयी किस्म एचक्यूपीएम 28 अधिक पैदावार देने के साथ-साथ उर्वरक के प्रति क्रियाशील भी है। यह किस्म पोषण से भरपूर व प्रमुख रोग मेडिस पत्ती झुलसा रोग के प्रतिरोधी व प्रमुख कीट फॉल आर्मी वर्म के प्रति मध्यम रूप से प्रतिरोधी है। इस किस्म की हरे चारे की पैदावार 141 क्विंटल प्रति एकड़ तथा उत्पादन क्षमता 220 क्विंटल प्रति एकड़ है। यह किस्म बिजाई के बाद केवल 60-70 दिन में ही कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इस किस्म का हरा चारा पौष्टिकता से भरपूर है जिसमें प्रोटीन 8.7 प्रतिशत, एसिड-डिटर्जेंट फाइबर 42.4 प्रतिशत, न्यूट्रल डिटर्जेंट फाइबर 65 प्रतिशत और कृत्रिम परिवेशीय पाचन शक्ति 54 प्रतिशत है। अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि तीन-तरफा क्रॉस हाइब्रिड होने के कारण इसका बीज उत्पादन किफायती है व क्यूपीएम हाइब्रिड होने के कारण यह पोषण से भरपूर है। इसमें आवश्यक अमीनो एसिड लाइसिन और ट्रिप्टोफैन की मात्रा सामान्य मक्का की तुलना में दोगुनी है। क्षेत्रीय निदेशक डॉ. ओपी चौधरी ने कहा कि इस संकर किस्म को मार्च के पहले सप्ताह से लेकर सितंबर के मध्य तक उगाया जा सकता है। इस किस्म की बंपर पैदावार पाने के लिए जमीन तैयार करने से पहले 10 टन प्रति एकड़ अच्छी गुणवत्ता वाली गोबर की खाद डालनी चाहिए।

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