कनीना, 3 अप्रैल (निस)
हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों का दाखिला अब राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूलों में हो पायेगा। हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को मॉडल संस्कृृति स्कूल छोड़कर अन्य स्कूलों की शरण में जाना होगा। शिक्षा निदेशालय पंचकूला की ओर से 31 मार्च को जारी पत्र में प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को अवगत कराते हुये कहा गया है कि प्रदेश में खंड एवं विधानसभा स्तर पर चयनित किये गये मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अंतर्गत केवल अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्रदान की जायेगी।
अंग्रेजी माध्यम से दाखिला होने पर हिंदी माध्यम वाले विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के सामने नई समस्या उत्पन्न हो गई है। ऐसे में मॉडल संस्कृति स्कूल में चालू शिक्षा सत्र में पढ़ने वाले हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों की 70 से 80 फीसदी संख्या है। ऐसे विद्यार्थी स्कूल से बाहर होने के बाद सीमित संख्या में विद्यार्थी बचेंगे।
राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में के प्राचार्य सतपाल सिंह ने बताया कि विद्यालय में चालू शिक्षा सत्र में 417 विद्यार्थियों का पंजीकृत हैं। जिनमें करीब 300 विद्यार्थी हिंदी माध्यम वाले हैं। नये शिक्षा सत्र में अंग्रेजी माध्यम वाले विद्यार्थियों की संख्या में कमी की संभावना है।
गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए सरकार प्रयासरत
बीईओ राजसिंह ने कहा कि सरकार सरकारी विद्यालयों में उच्चगुणवत्ता परक शिक्षा प्रदान करने के लिये प्रयासरत है। विद्यार्थियों को सभी मॉडल संस्कृति स्कूलों में सीबीएसई के अंतर्गत अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा दी जायेगी।
इस तरह ली जाएगी फीस
सीबीएसई पैट्रन के मुताबिक मॉडल संस्कृति विद्यालय में कक्षा एक से पांचवीं तक एकमुश्त दाखिला राशि 500 रुपये तथा 6 से 12 तक 1000 रुपये निर्धारित की गई है। कक्षा एक से तीन तक मासिक फीस 200 रुपये, कक्षा 4-5 तक 250 रुपये, छह से आठ तक 300 रुपये, 9-10 तक 400 रुपये तथा 11-12 के लिये 500 रुपये निर्धारित की गई है।