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प्रमोशन मामलों का रिकार्ड नहीं भेजने पर हॉयर एजुकेशन का एक्शन

नौ कॉलेजों को छोड़कर सभी के प्राचार्यों को कारण बताओ नोटिस

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चंडीगढ़, 18 फरवरी (ट्रिन्यू)

उच्चतर शिक्षा विभाग ने प्रमोशन से जुड़े मामलों का रिकॉर्ड समय पर न भेजने वाले सरकारी कॉलेजों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। प्रदेशभर के 9 कॉलेजों को छोड़कर बाकी सभी कॉलेजों के प्राचार्यों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है।

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विभाग के मुताबिक, 2022 में पदोन्नत हुए एसोसिएट प्रोफेसर, प्राचार्य और उप-निदेशकों से संबंधित वेतन निर्धारण का रिकॉर्ड मांगा गया था, लेकिन छह बार पत्र भेजने के बावजूद अधिकांश कॉलेजों ने इसे जमा नहीं किया। अब विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि 19 फरवरी तक रिकॉर्ड नहीं सौंपा गया, तो संबंधित प्राचार्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा निदेशालय का कहना है कि कई प्राचार्यों ने या तो रिकॉर्ड भेजने में लापरवाही बरती या जानबूझकर देरी की। कुछ प्राचार्य सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन उनके प्रमोशन का वेतन निर्धारण अभी भी अधूरा है, जिससे वित्तीय और प्रशासनिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस स्थिति को देखते हुए विभाग ने साफ कर दिया है कि 19 फरवरी तक रिकॉर्ड न मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई तय है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने सीबीएसई बोर्ड द्वारा पीएमश्री और मॉडल संस्कृति विद्यालयों के छात्रों के मूल्यांकन को लेकर आपत्ति जताई है। संघ ने शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर मांग की कि मूल्यांकन केंद्रों को जिला स्तर के बजाय सब-डिवीजन स्तर पर स्थापित किया जाए।विभाग द्वारा मांगे गए रिकॉर्ड को अब तक सिर्फ 9 कॉलेजों ने भेजा इै।

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शिक्षक संघ की आपत्तियां

वर्तमान में 10वीं और 12वीं का मूल्यांकन जिला स्तर पर किया जाता है, जिससे कई शिक्षकों को 60 किलोमीटर या उससे अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। सब-डिविजन स्तर पर केंद्र बनने से यात्रा का समय और खर्च कम होगा। संघ ने इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) के माध्यम से कार्यरत शिक्षकों की स्थिति पर चिंता जताई है। संघ की मांग है कि एचकेआरएन शिक्षकों का समायोजन किया जाए। नियमित मासिक वेतन भुगतान की गारंटी दी जाए। भविष्य में शिक्षकों की भर्ती केवल नियमित प्रक्रिया से हो। वर्तमान में हरियाणा में 7,000 शिक्षक एचकेआरएन के तहत कार्यरत हैं, लेकिन नई नियुक्तियों के चलते कई शिक्षकों को हटाया जा रहा है।

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