दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 28 अगस्त
हरियाणा में शराब घोटाले में जांच का दौर अभी रुकने वाला नहीं है। यह पूरा मामला स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को सौंपने के बाद अब राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने पुलिस विभाग के खिलाफ भी जांच बैठा दी है। केंद्र से प्रतिनियुक्ति के बाद लौटीं एडीजीपी कला रामचंद्रन के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है।
यह कमेटी शराब घोटाले को लेकर वरिष्ठ आईएएस टीसी गुप्ता की अध्यक्षता वाली स्पेशल इंक्वायरी टीम (एसईटी) द्वारा पुलिस के प्रति की गई टिप्पणी की जांच करेगी। कमेटी में आईपीएस शशांक आनंद व हिमांशु गर्ग को बतौर सदस्य शामिल किया है। एसईटी ने एक्साइज कमिश्नर शेखर विद्यार्थी व सोनीपत की तत्कालीन एसपी प्रतीक्षा गोदारा के खिलाफ टिप्पणी की थी।
विज की सिफारिश पर मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा विद्यार्थी से स्पष्टीकरण मांग चुकी हैं। वहीं आईपीएस प्रतीक्षा गोदारा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन को लिखा गया है। एसईटी की रिपोर्ट में पुलिस गोदामों से शराब निकाल पर बेचने के अलावा बड़ी संख्या में पुलिस द्वारा अवैध तरीके से पकड़ी गई शराब के मामलों को दबाने का भी खुलासा किया गया है।
एसईटी की रिपोर्ट में अलग-अलग जिलों की 100 से अधिक एफआईआर का उल्लेख किया गया है। अम्बाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल सहित कई जिलों में पुलिस ने अवैध शराब की गाड़ियां पकड़ीं। एफआईआर भी दर्ज की गई लेकिन पुलिस ने जांच करने की बजाय ट्रक ड्राइवर पर ही कार्रवाई करके मामले को रफा-दफा कर दिया। इनमें से अधिकांश एफआईआर 2019 यानी खट्टर सरकार के पहले कार्यकाल के आखिरी साल की थी।
गठबंधन सरकार के समय में भी 4 एफआईआर
एसईटी की रिपोर्ट में चार एफआईआर ऐसी हैं, जो मौजूदा गठबंधन सरकार के समय में ही दर्ज हुई हैं। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए विज ने यह कमेटी बनाई है ताकि पुलिस विभाग की लापरवाही व अनियमितता पर कार्रवाई हो सके। विज पहले ही कह चुके हैं कि एसईटी की रिपोर्ट में पुलिस के जिन अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई बनेगी, उसे अंजाम देंगे।