चंडीगढ़, 17 मई (ट्रिन्यू)
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मंगलवार को हरियाणा राज्य को नगर निकायों के चुनाव कराने की अनुमति दे दी। एक डिविजन बेंच ने स्पष्ट किया कि चुनाव ‘सुरेश महाजन बनाम मध्य प्रदेश राज्य’ के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश के संदर्भ में हो सकते हैं। चीफ जस्टिस रविशंकर झा और जस्टिस अरुण पल्ली की खंडपीठ ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में पंचायत चुनाव पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की कवायद को चुनौती देने वाली एक रिट याचिका पर निर्णय के तहत होगा। राम किशन महलावत ने अपने वकील दीपकरण दलाल के माध्यम से अर्जी दी थी कि अधिकारियों द्वारा इस मामले में की गई कवायद ‘विकास किशनराव गवली बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य’ और ‘राहुल रमेश वाघ बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य’ के मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत थी।
दलाल ने कहा कि पिछड़े वर्ग को आनुपातिक आरक्षण प्रदान करने का राज्य का प्रयास भी संवैधानिक जनादेश के विपरीत था, जिसकी अनुमति नहीं थी। पार्टियों के वकील इस तथ्य से सहमत हैं कि हरियाणा राज्य में चुनाव के लिए आज तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है…। मामले के पूर्वोक्त पहलू को ध्यान में रखते हुए, बेंच ने कहा, ‘सभी प्रतिवादियों को निर्देश दिया जाता है कि वे मामले के उक्त पहलू को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर स्थगन के आवेदनों पर अपना जवाब दाखिल करें।’
हरियाणा सरकार बनाएगी आरक्षण चार्ट : खट्टर
हाईकोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि प्रदेश सरकार अब हलका स्तर पर जातिगत गणना कराएगी। एक आयोग गणना करके सरकार को रिपोर्ट देगा। इसके बाद सरकार आरक्षण चार्ट बनाएगी। दरअसल, सरकार निगमों में मेयर और बाकी निकायों में चेयरमैन के डायरेक्ट चुनाव करवा रही है। इसमें आरक्षण लागू किया गया है। सीएम ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इकाई के हिसाब से आरक्षण होना चाहिए। हम राज्य स्तरीय गणना को नहीं मानते। मुख्यमंत्री ने कहा, हम एक कमिशन बिठाएंगे जो हल्का स्तर पर जाकर सभी जातियों की गणना करेंगे और आरक्षण चार्ट बनाएंगे। निकाय चुनाव पर सीएम ने कहा कि हमने चुनाव आयोग को कह दिया है की वे सभी औपचारिकताएं पूरी कर के चुनाव करवा सकते हैं।