पांच हजार रिश्वत लेते हुए हवलदार गिरफ्तार, जमानत दिलाने के लिए कर रहा था डील
फरीदाबाद, 21 जनवरी (हप्र) एंटी करप्शन ब्यूरो ने डबुआ थाने में तैनात हवलदार को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पुलिसकर्मी पहले शिकायकर्ता से दो हजार रुपये ले चुका था। एनआईटी की नेहरू...
फरीदाबाद, 21 जनवरी (हप्र)
एंटी करप्शन ब्यूरो ने डबुआ थाने में तैनात हवलदार को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी पुलिसकर्मी पहले शिकायकर्ता से दो हजार रुपये ले चुका था।
एनआईटी की नेहरू कालोनी में रहने वाले धर्मेन्द्र ने एंटी करप्शन ब्यूरो को शिकायत देते हुए बताया था कि उनके भतीजे काे मारपीट के मामले में जमानत दिलाने में सहयोग के लिए डबुआ थाने का हवलदार अनिल 20 हजार रुपये की मांग कर रहा था। अब उसने पांच हजार रुपये लेकर सोमवार को बुलाया है। एसीबी की टीम ने हवलदार को रंगे हाथ पकड़ने के लिए योजना तैयार कर ली। धर्मेंद्र को नोटों के साथ अनिल को पैसे देने के लिए भेजा गया। थाने में जैसे ही शिकायतकर्ता ने अनिल को पैसे दिए इंस्पेक्टर संतराम के नेतृत्व में टीम ने उसको दबोच लिया। टीम में डीआईसी जीएम सचिन कुमार भी शामिल रहे।
उधर, एक अन्य मामले में रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार साइबर थाना एनआईटी में तैनात एसआई अर्जुन के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने अदालत में चालान पेश कर दिया है। इस मामले में संलिप्त एसआई राम और साइबर थाने के तत्कालीन प्रभारी अमित कुमार फरार चल रहे हैं। अर्जुन फिलहाल जेल में बंद है।
दिल्ली के आंनद विहार में रहने वाले निशिल गर्ग ने ब्यूरो को शिकायत दी थी। उसके दोस्त की जमानत कराने के नाम पर एसआई अर्जुन व एसआई राम रिश्वत मांग रहे थे। 21 नवंबर 2024 को सेक्टर-15 की मार्केट में ब्यूरो की टीम ने अर्जुन को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। मौके से एसआई राम भाग गया था। जिसे बाद में पकड़ा गया।
इसी मामले में संलिप्त होने की वजह से साइबर थाना प्रभारी अमित कुमार के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था। तीनों आरोपियों को निलंबित किया जा चुका है। निशिल गर्ग ने बताया था कि 15 नवंबर 2024 को उसके दोस्त विशाल को दिल्ली के रोहिणी से गिरफ्तार किया था। विशाल की जमानत तीन दिन में करवाने की एवज में एसआई अर्जुन व एसआई राम 15 लाख रुपये बतौर रिश्वत मांग रहे थे।

