लिंगानुपात पर हरियाणा पर नायब सरकार का ‘स्पेशल अलर्ट मोड’
ढिल्लों ने उन जिलों के अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी, जहां पिछले 4-5 महीनों में अवैध एमटीपी या पीएनडीटी मामलों में एक भी रेड नहीं हुई। उन्होंने कहा कि ऐसे जिलों के अधिकारी तुरंत अभियान तेज करें, संदिग्ध क्लीनिकों पर निगरानी बढ़ाएं और दोषियों पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करें। मिशन डायरेक्टर ने स्पष्ट कहा कि एफआईआर दर्ज करते समय सभी पहलुओं का ध्यान रखा जाए ताकि कोर्ट में सबूतों की कमी का फायदा उठाकर आरोपी छूट न पाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि जहां निचली अदालत में आरोपी पैरवी के कारण बच निकले हों, उन मामलों में ऊपरी अदालत में अपील करना अनिवार्य किया जाए। पिछले तीन वर्षों के सभी कोर्ट मामलों का विस्तृत ब्यौरा तुरंत उपलब्ध कराया जाए, ताकि यह पता लग सके कि चालान समय पर पेश हो रहे हैं या नहीं। ढिल्लों ने कई जिलों में स्लम बस्तियों में नवजात बच्चों के जन्म पंजीकरण में उदासीनता पर सख्त नाराजगी व्यक्त की।
उन्होंने निर्देश दिया कि फ्रंटलाइन वर्कर्स अपने एरिया में जाकर जागरूकता अभियान चलाएं। जिन परिवारों में अब तक पंजीकरण नहीं हुआ, वहां तुरंत जन्म पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए। उनका कहना था कि जन्म पंजीकरण का सही रिकॉर्ड लिंगानुपात की वास्तविक तस्वीर समझने के लिए बेहद जरूरी है। ढिल्लो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान का हवाला देते हुए कहा कि राज्य सरकार कन्या भ्रूण हत्या पर पूर्ण रोक लगाने के लिए प्रतिबद्ध है।
