चंडीगढ़, 22 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा पुलिस को अब नया डीजीपी मिलना तय हो गया है। मौजूदा डीजीपी मनोज यादव ने खुद ही केंद्र में जाने का निर्णय लिया है। वे इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) में वापस लौटेंगे। करीब 28 माह पूर्व वे आईबी से ही हरियाणा आए थे। उनका कार्यकाल दो वर्षों के लिए था, लेकिन सरकार ने उन्हें एक्सटेंशन दी थी।
प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज मनोज यादव को एक्सटेंशन देने के खिलाफ थे। जनवरी-फरवरी में हुए इस विवाद के बावजूद वे पद पर बने हुए थे। अब अचानक खुद मनोज यादव ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा को पत्र लिखा है। उन्होंने खुद को कार्यमुक्त करने की मांग की है ताकि वे वापस केंद्र में लौट सकें। गृह सचिव अब इस मामले में गृह मंत्री और सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) को अवगत कराएंगे।
राज्य सरकार अगर जल्द ही डीजीपी को कार्यमुक्त करती है तो उनकी जगह वरिष्ठतम आईपीएस अधिकारी को डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा जा सकता है। दूसरा विकल्प यह है कि अब सरकार नये डीजीपी के लिए सभी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नाम केंद्रीय लोकसेवा आयोग को भेजेगी। यूपीएससी अधिकारियों के नामों में से तीन का पैनल तैयार करके राज्य को वापस भेजेगा। राज्य सरकार के पास यह विकल्प रहेगा कि वह तीन अधिकारियों के पैनल में से किसी को भी डीजीपी नियुक्त कर सकती है। 1988 बैच के आईपीएस मनोज यादव को वर्ष 2003 में इंटेलीजेंस ब्यूरो में संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात किया गया था। 19 फरवरी, 2019 को राज्य सरकार ने उन्हें वापस बुला लिया और डीजीपी के पद पर दो साल के लिए तैनात किया था। मनोज यादव का कार्यकाल पूरा होने के बाद सरकार ने उन्हें आगामी आदेश तक एक्सटेंशन दे दी। 2 मार्च, 2021 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हरियाणा सरकार की सिफारिश पर यादव की प्रतिनियुक्ति अवधि को बढ़ा दिया। इस बीच अम्बाला रेंज के आईजी वाई़ पूर्ण कुमार और डीजीपी का विवाद अभी भी चल रहा है। इस मामले में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने डीजीपी मनोज यादव, वर्तमान आईजी अम्बाला और एसपी अम्बाला को पत्र लिखकर अब तक की गई कार्रवाई की रिपोर्ट मांगी है। यह भी पूछा है कि अभी तक आईजी की शिकायत पर केस दर्ज क्यों नहीं हुआ है।
मनोज यादव ने गृह सचिव को पत्र लिखकर उनकी सेवाएं वापस आईबी को देने की मांग की है वहीं एक ट्वीट भी किया है। जिसमें उन्होंने कहा कि 28 महीनों से वे हरियाणा के नागरिकों की सेवा में डीजीपी के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। वर्तमान में अपने करियर और पारिवारिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अगला कार्यकाल आईबी में पूरा करना चाहिए। उन्होंने गृह मंत्रालय से आग्रह किया है कि वह आईबी में उन्हें बतौर अतिरिक्त निदेशक उनकी सेवाएं बहाल करें।
यादव से नाराज रहे हैं विज
गृह मंत्री अनिल विज मौजूदा डीजीपी मनोज यादव से खुश नहीं रहे। मनोज यादव को डीजीपी पद से हटाने और नये डीजीपी के लिए यूपीएससी में अधिकारियों के नाम भेजने के आदेश भी वे लिखित में दे चुके हैं। इस मुद्दे पर वे गृह सचिव राजीव अरोड़ा पर भी नाराज़ हो चुके हैं। पुलिस आधुनिकीकरण समेत कई मुद्दों पर भी गृह मंत्री और डीजीपी आमने-सामने होते रहे हैं।
ये रहेंगे नए डीजीपी की दौड़ में
हरियाणा कॉडर के आईपीएस अधिकारियों में से वर्तमान में पांच डीजीपी की दौड़ में हैं। 1984 बैच के एसएस देशवाल और 1986 बैच के केके सिंधु डीजीपी रैंक के अधिकारी हैं लेकिन दोनों की ही रिटायरमेंट अगस्त में होने की वजह से वे डीजीपी की दौड़ से बाहर हो गए हैं। ऐसे में 1988 बैच के पीके अग्रवाल, 1989 बैच के मोहम्मद अकील और आरसी मिश्रा तथा 1990 बैच के शत्रुजीत कपूर और देशराज सिंह डीजीपी की दौड़ में बचे हैं। शत्रुजीत कपूर और देशराज सिंह को कुछ माह पूर्व ही सरकार ने डीजीपी प्रमोट किया है।
डीजीपी मनोज यादव अगर अपनी इच्छा से केंद्र में जाना चाहेंगे तो विचार करेंगे। फिर एक पैनल अगले डीजीपी के लिए तैयार होगा और पूरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
-मनोहर लाल खट्टर, मुख्यमंत्री