चंडीगढ़, 13 फरवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा को अब ‘कानूनी’ हक मिलेगा। 5 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र में ही प्रदेश के सभी कानूनों से पंजाब शब्द को हटाकर हरियाणा जोड़ा जाएगा। वर्तमान में 163 ऐसे कानून हैं, जो पंजाब के नाम से जाने जाते हैं। बेशक, राज्य सरकार इन कानूनों में कई बार संशोधन कर चुकी है, लेकिन इस सत्र में एक ही बिल पेश करके सभी कानूनों को हरियाणा का नाम दे दिया जाएगा। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता इस मुहिम को लेकर पिछले कई दिनों से जुटे थे। वे मुख्य सचिव, एजी व एलआर के साथ कई बैठकें कर चुके हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी विधानसभा स्पीकर की इस मुहिम पर सहमति दी है। ऐसे में अब इसी बजट सत्र में यह मुहिम सिरे चढ़ने का रास्ता तैयार हो गया है। शनिवार को गुप्ता ने मुख्य सचिव तथा एलआर के साथ बैठक करके सभी सिफारिशों का अध्ययन किया।
बैठक के बाद संसदीय कार्य विभाग को इस संबंध में ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बजट सत्र में सरकार ऐसा विधेयक पास कराने जा रही है, जिससे 163 कानूनों के नाम से ‘पंजाब’ शब्द हटा कर उसके स्थान पर ‘हरियाणा’ कर दिया जाएगा। हरियाणा के अधिनियमों से पंजाब का नाम हटाने के उद्देश्य से गठित कमेटी ने अपनी सिफारिशें प्रस्तुत कर दी हैं। इन सिफारिशों को लेकर गुप्ता ने विधानसभा सचिवालय में प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव विजय वर्धन, विधानसभा सचिव राजेंद्र कुमार नांदल और कानून एवं विधि विभाग की लीगल रिमेम्ब्रेन्सर बिमलेश तंवर के साथ बैठक की।
बैठक में अधिकारियों द्वारा कानूनों के संबंध में अपनी रिपोर्ट पेश की गई। कमेटी ने 1968 के आदेश के तहत स्वीकृत अधिनियमों के उपशीर्षकों के संशोधन के विषय में पुनरावलोकन एवं परीक्षण किया है। लीगल रिमेम्ब्रेन्सर ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश के अधिनियमों से ‘पंजाब’ शब्द के स्थान पर ‘हरियाणा’ करने में कोई भी कानूनी अड़चन आड़े नहीं आएगी। उन्होंने बताया कि राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1966 के तहत हरियाणा को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला है।
उसे अपनी आवश्यकता अनुसार कोई भी नया कानून बनाने तथा राज्य से संबंधित किसी भी कानून में संशोधन का पूरा अधिकार है। 1968 में हरियाणा अपनी जरूरतों के मुताबिक इनमें आवश्यक संशोधन कर सकेगा। अनावश्यक कानूनों को हटाने का अधिकार भी प्रदेश की विधान सभा को मिला है।
अब तैयार होगा मसौदा
अब प्रदेश सरकार का संसदीय कार्य विभाग इस रिपोर्ट के आधार पर विधेयक का मसौदा तैयार करेगा। स्पीकर ने बताया कि हरियाणा के कानूनों के शीर्षकों से ‘पंजाब’ शब्द हटाने के लिए विधेयक पांच मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में प्रस्तुत किया जा सकता है। विधेयक के पास होने से करीब 163 कानूनों से पंजाब का नाम हट जाएगा। लीगल रिमेम्ब्रेन्सर ने विधानसभा अध्यक्ष से इस विधेयक के तकनीकी पहलुओं पर भी चर्चा की। ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि इस मामले में गठित कमेटी की सिफारिशें सकारात्मक हैं और इससे विधेयकों के नाम हरियाणा के नाम पर करने का रास्ता साफ हो गया है।