चंडीगढ़, 29 सितंबर (एजेंसी) हरियाणा अरावली क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क (वन उद्यान) विकसित करेगा। राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि यह सफारी पार्क गुरुग्राम और नूंह जिलों के 10 हजार एकड़ क्षेत्र में फैला होगा। उसने कहा, ‘यह परियोजना दुनिया में ऐसी सबसे बड़ी परियोजना होगी।’ फिलहाल अफ्रीका के बाहर शारजाह में सबसे बड़ा सफारी पार्क है। यह करीब 2,000 एकड़ क्षेत्र में फैला है और उसका उद्घाटन फरवरी, 2022 में हुआ था। सरकार ने बयान में कहा, ‘प्रस्तावित अरावली पार्क आकार में इससे पांच गुणा से भी अधिक होगा और उसमें सरीसृप एवं उभयचर प्राणियों के स्थल, पक्षी पार्क, बाघ श्रेणी के प्राणियों के चार क्षेत्र, शाकाहार प्राणियों का विशाल क्षेत्र, जलीय जीव-जंतुओं का क्षेत्र, आंगुतक एवं पर्यटन क्षेत्र, प्राणी उद्यान, बायोमास, आदि होंगे।’ राज्य सरकार ने कहा कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस सिलसिले में शारजाह सफारी देखने गये थे। खट्टर बुधवार को एक दिवसीय यात्रा पर दुबई पहुंचे थे। बृहस्पतिवार को लौटने के बाद खट्टर ने कहा कि हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में जंगल सफारी के विकास की प्रचुर संभावना है। उन्होंने कहा कि जंगल सफारी योजना न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार का अवसर भी उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा, ‘हरियाणा में जंगल सफारी परियोजना पर्यावरण , वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रायल तथा हरियाणा सरकार की संयुक्त परियोजना होगी। केंद्र सरकार परियोजना के लिए हरियाणा को धन उपलब्ध कराएगी।’
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।