दिनेश भारद्वाज/ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 25 नवंबर
हरियाणा में धान खरीद में एक बार फिर ‘घोटाला’ हो गया है। प्रदेश सरकार की पैनी नज़र व पूरी चौकसी के बाद भी फर्जी तरीके से गेट पास जारी करके सीएम के निर्वाचन क्षेत्र करनाल में ही आढ़तियों ने इस घोटाले को अंजाम दिया। करनाल मार्केट कमेटी सचिव की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। इतना ही नहीं, कुरुक्षेत्र व यमुनानगर के कई राइस मिर्ल्स भी फर्जीवाड़े में फंसे हैं। तीनों ही मामलों में तुरंत एक्शन लेते हुए फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट ने अलग-अलग थानों में पुलिस केस दर्ज करवाए हैं।
विभाग के आला अफसरों को पब्लिक सोर्स से सूचना मिली कि करनाल अनाज मंडी में फर्जी तरीके से बड़ी संख्या में गेट पास जारी हुए हैं। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) पीके दास ने करनाल डीसी को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए। डीसी की जांच रिपोर्ट में फर्जी गेट पास जारी करने की पुष्टि हुई। डीसी की रिपोर्ट में 350 के करीब गेट पास जारी होने की बात कही गई है। अब पुलिस इस मामले की जांच करेगी।
जांच के दौरान धान खरीद से लेकर अब तक जारी हुए गेट पास की स्टडी होगी। ऐसे में बहुत संभव है कि फर्जी तरीके से जारी हुए गेट पास की संख्या हजारों में पहुंचे। करनाल में सुबह 5 बजे गेट पास बनाए गए। जिस समय गेट पास बने, उस समय न तो अनाज मंडी में अनाज था, न काई ट्राली थी और न ही किसान वहां थे। बताते हैं कि मार्केट कमेटी सचिव ने कंप्यूटर का पासवर्ड आढ़तियों को दे दिया और इसके बाद आढ़तियों ने अपनी मर्जी से गेट पास जारी कर लिए।
मार्केट कमेटी के कंप्यूटर का आईपी एड्रेस और जिस कंप्यूटर से पास जारी हुए उसका आईपी एड्रेस भिन्न था। विभाग ने मार्केट कमेटी सचिव, कंप्यूटर आपरेटर और उन आढ़तियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया है, जिन्होंने गेट पास जारी करवाए। वहीं करनाल में दूसरे राज्यों से लाई गई धान के ट्रक भी पकड़े गए हैं। बताते हैं कि इस धान को करनाल की मंडियों में बेचे जाने की प्लानिंग थी। इस मामले में भी विभाग से अलग से परचा दर्ज करवा कर जांच करने को कहा है। पुलिस ने अपनी कार्यवाही शुरू कर दी है।
कुरुक्षेत्र व यमुनानगर में मिलर्स का ‘खेल’
पहले की तरह कुरुक्षेत्र व यमुनानगर के कुछ राइस मिर्ल्स ने बड़ा ‘खेल’ खेलने की कोशिश की। सरकार द्वारा उन्हें दिए गए धान के बदले उन्हें चावल सरकार को लौटाना होता है। सरकार के धान की क्वालिटी काफी अच्छी रहती है। ऐसे में दूसरे राज्यों से सस्ता चावल लाकर उसे सरकारी रिकार्ड में जमा करवाने का पुराना ‘खेल’ है। दोनों ही जिलों में कई ऐसे ट्रक पकड़े गए हैं, जो चावल की बोरियों से भरे थे। यह चावल दूसरी राज्यों से खरीद कर लाया गया था। विभाग ने इन मामलों में भी एफआईआर दर्ज करवाई है।
90 प्रतिशत किसानों का हुआ भुगतान
केंद्र सरकार के कृषि से जुड़े तीन नये कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच राज्य सरकार ने 90 प्रतिशत किसानों की धान फसलों का भुगतान कर दिया है। अभी तक कुल 10 हजार 488 करोड़ रुपये कीमत का किसानों का धान खरीदा गया है। इसमें से 9 हजार 679 करोड़ रुपये की अदायगी हो चुकी है। 7 करोड़ 40 लाख रुपये की मक्का में से किसानों के खातों में 6 लाख 60 हजार रुपये जमा हो चुके हैं। सरकार ने कुल 1560 करोड़ रुपये का बाजरा खरीदा और इसमें से अभी तक 1289 करोड़ किसानों को दिए जा चुके हैं। मूंग उत्पादक किसानों के कुल 7 करोड़ 90 लाख में से 7 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं।
सीएम तक पहुंचा विवाद, सुनवाई नहीं
सूत्रों का कहना है कि विभाग द्वारा दर्ज करवाई गई एफआईआर के खिलाफ करनाल के कई आढ़तियों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी मुलाकात की। आढ़तियों ने केस रद्द करवाने की मांग की लेकिन सीएम ने उन्हें दो-टूक कह दिया कि जो गलत है, वह गलत ही रहेगा। सरकार गलत चीजों पर पर्दा नहीं डालेगी। सीएम के इस स्टैंड के बाद विभाग के अधिकारियों का मनोबल और बढ़ा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट के एसीएस पीके दास ने बताया कि करनाल में फर्जी तरीके से गेट पास बनाने की सूचना मिली थी। डीसी से रिपोर्ट मांगी गई तो उसमें आरोप सही मिले। इसीलिए मार्केट कमेटी सचिव, कंप्यूटर आपरेटर व कुछ आढ़तियों पर केस दर्ज करवाया है। कुरुक्षेत्र व यमुनानगर में दूसरे राज्यों से लाए गए चावल के ट्रक भी पकड़े हैं। इस मामले में भी पुलिस केस दर्ज हुआ है। गड़बड़ किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।