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Haryana News : पूर्व विधायक को पुनः अलॉट किए वीआईपी नंबर, रोक के बावजूद जारी की पुरानी सीरीज

वीआईपी नंबर अलॉट करने में बड़ा खेल

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मदन लाल गर्ग/हप्र, फतेहाबाद, 23 नवंबर

फतेहाबाद में वीआईपी नंबरों को जारी करने को लेकर भी बड़ा खेल हुआ जिसकी जांच परिवहन आयुक्त चंडीगढ़ व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कर रहा है। हरियाणा के परिवहन आयुक्त ने 8 नवंबर 2019 को प्रदेश के सभी पंजीकरण अधिकारी व एसडीएम को पत्र क्रमांक नं. 42800-42882 भेजकर स्पष्ट निर्देश दिए कि नयी सीरीज एचआर के आगे अंक आने के बाद पुरानी सीरीज के सभी नंबर एचआरएस, एचएनएन, एचआरयू सहित बदल दिए जाए।

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जिन लोगों के पास वीआईपी नंबर है उन्हें छह महीने का समय देकर बदल दें, अन्यथा सभी नंबर सीज माने जाएंगे। यानि सीधे शब्दों में सभी वाहनों पर नयी सीरीज के नंबर हों, उन नंबरों को पुनः प्रदान करने का तो सवाल ही नहीं था, लेकिन आज भी पूरे प्रदेश में पुरानी सीरीज के नंबर लगी गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही हैं क्योंकि अधिकांश नंबर वीआईपी लोगों के पास हैं।

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परिवहन आयुक्त के पत्र के अनुसार तो पुराने नंबर जमा करवाकर उन्हें नए नंबर अलॉट करने थे, लेकिन फतेहाबाद व जगाधरी में हुआ उलट। दोनों जगह पुराने वीआईपी नंबरों को पुनः अलॉट करने का धंधा चलता रहा।

परिवहन आयुक्त के संज्ञान में सितंबर 2024 में वाहन पोर्टल से यह मामला आया तो परिवहन आयुक्त चंडीगढ़ ने 20 सितंबर 2024 को पत्र क्रमांक न 48179-80 के जरिए फतेहाबाद व जगाधरी के पंजीकरण अधिकारी एवं एसडीएम से वीआईपी नंबर पुनः जारी करने वाले जिम्मेदार कर्मचारी व अधिकारी का नाम भेजने के लिए लिखा। पत्र में फतेहाबाद से जारी किए गए 2 नंबर तथा जगाधरी से जारी किए गए 6 नंबरों की सूची साथ सलंग्न थी।

फतेहाबाद कार्यालय ने तत्कालीन एसडीएम कुलभूषण बंसल व क्लर्क अजमेर सिंह द्वारा नंबर पुनः अलॉट करने वाले बताकर भेज दिया। इनमें एसडीएम कुलभूषण एक अन्य मामले में जेल में हैं तो क्लर्क अजमेर सिंह सेवानिवृत हो चुके हैं।

विधायक को दोबारा मिले ये नंबर

फतेहाबाद के दोनों वीआईपी नंबर एचआरएफ 0021 तत्कालीन विधायक दुड़ाराम की पत्नी मालागिरी की गाड़ी को 29 अक्तूबर 2020 को तथा विधायक दुड़ा राम की गाड़ी को एचवाईजे 0021 तीन फरवरी 2021 को पुनः अलॉट किए गए जिनकी राज्य परिवहन विभाग ने रिपोर्ट मांगी थी। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो सिरसा ने इसी महीने 5 नवंबर को पत्र क्रमांक 262 के माध्यम से एसडीएम फतेहाबाद से 43 वाहनों की फाइलों के दस्तावेज मांगें हैं जो 2018 से जारी किए गए हैं।

विभाग ने पत्र के साथ 27 नंबर भी लिखे हैं, जो एचवाईएफ, एचआरयू, एचआरटी, एचएनएच, एचएनएलएचवाईएन तथा एचएनजी सीरीज के हैं। भ्रष्टाचरण निरोधक ब्यूरो के निरीक्षक एवं जांच अधिकारी सुखजीत सिंह ने बताया कि पुरानी सीरीज के करीब 40 नंबरों की जानकारी मांगी गई है, अभी जांच चल रही है। पुष्ट सूत्रों ने बताया है कि एसडीएम कार्यालय में वाहन पंजीकरण व नंबर अलॉट का यह गोरखधंधा कम से कम 10 सालों से चल रहा है।

पुराने ट्रैक्टरों को बिना बीमे के दूसरे के नाम ट्रांसफर करने का धंधा जारी है। वाहन पंजीकरण कार्यालय में पूरा दिन कर्मचारियों से ज्यादा टाइपिस्टों की भीड़ रहती है जो फाइलों में काम करते नजर आते हैं। बताया गया है कि विशेष दुकान या टाइपिस्ट के जरिए फाइल आने पर ही कार्य जल्दी होता है, अन्यथा कमियां निकालकर फाइल वापिस कर दी जाती है। सूत्रों का कहना है कि वाहन पंजीकरण व नंबर अलॉट के कार्य की यदि 10 साल के रिकॉर्ड की जांच की जाए तो बहुत बड़ा घोटाला उजागर हो सकता है।

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