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Haryana News : हरियाणा ने बदली तस्वीर: ‘बेटी बचाओ’ की गूंज से लिंगानुपात 912 पर पहुंचा

सख्त निगरानी, सामुदायिक जागरूकता और लगातार एक्शन से दिखा बदलाव का असर

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Haryana News : कभी देशभर में सबसे नीचे गिना जाने वाला हरियाणा अब धीरे-धीरे अपनी पहचान बदल रहा है। ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ की मुहिम ने एक बार फिर असर दिखाया है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, राज्य का लिंगानुपात बढ़कर 912 पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 904 था। यह बदलाव सिर्फ आंकड़ों में नहीं, सोच में भी झलकता है। चूंकि अब हरियाणा की धरती पर ‘बेटी’ के लिए जगह और सम्मान दोनों बढ़ रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के निर्देश पर स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य टास्क फोर्स की बैठक में यह सुधार सामने आया। बैठक में तय हुआ कि अब लक्ष्य सिर्फ आंकड़े बढ़ाना नहीं, बल्कि हर जिले में सामाजिक संतुलन कायम करना है। डॉ. यादव ने कहा कि यह उपलब्धि विभागों की निरंतर मेहनत का नतीजा है, लेकिन अभी मंजिल बाकी है।

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उन्होंने चेतावनी दी कि अवैध गर्भपात के मामलों में किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने दो-टूक कहा - जहां बेटी के जन्म को अपराध समझा जाता है, वहां सख्ती जरूरी है। बैठक में बताया गया कि कई जिलों में सुधार के बावजूद कुछ जगहों पर गिरावट ने चिंता बढ़ाई है। चरखी दादरी के गोपी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एसएमओ को खराब प्रदर्शन के लिए आरोप पत्र जारी किया गया है।

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वहीं, नारायणगढ़, मुलाना और चौरमस्तपुर के प्रभारी एसएमओ के साथ-साथ पलवल, सिरसा, सोनीपत और चरखी दादरी के सीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। डॉ. यादव ने कहा कि जो अधिकारी सुधार नहीं दिखा पाए, उन्हें अब जवाब देना होगा। यह मुहिम दिखावे के लिए नहीं, बदलाव के लिए है। उन्होंने स्पष्ट किया कि दोषी पाए जाने वाले डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द करने तक की कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में जोर दिया गया कि सरकारी कार्रवाई के साथ सामाजिक सहभागिता भी जरूरी है। डॉ. यादव ने कहा कि जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने निर्देश दिए कि गांव-गांव आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को जोड़ा जाए, ताकि माताओं को सही जानकारी और सहयोग मिल सके। संस्थागत प्रसव और समय पर पंजीकरण बढ़ाने के लिए अभियान चलाने पर भी जोर दिया गया। अधिकारियों से कहा गया कि पंचायतों, स्कूलों और स्वयंसेवी संगठनों को भी इस मुहिम में सक्रिय भूमिका निभानी होगी।

हर बेटी का नाम दर्ज होगा

बैठक में यह भी तय हुआ कि एक साल से कम उम्र की हर अपंजीकृत बच्ची का पंजीकरण विशेष अभियान के तहत कराया जाएगा। सीआरएस पोर्टल को वास्तविक प्रसव रिकॉर्ड से जोड़ने के निर्देश दिए गए, ताकि किसी भी बालिका का नाम छूट न जाए। डॉ. यादव ने कहाकि हमारी सबसे बड़ी जीत तब होगी जब कोई भी बेटी आंकड़ों से गायब नहीं होगी। उसका नाम, उसका अस्तित्व दर्ज होगा। साथ ही उन्होंने जिलों से अवैध गर्भपात के मामलों में दोषसिद्धि दर बढ़ाने के लिए नए मुकदमे दायर करने को कहा।

ये जिले बने रोल मॉडल, कुछ को चेतावनी

राज्यभर में फतेहाबाद, गुरुग्राम, पंचकूला, पानीपत और रेवाड़ी जिलों ने लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया है। इन जिलों को बधाई देते हुए स्वास्थ्य विभाग ने इनके प्रयासों को अन्य जिलों के लिए ‘मॉडल’ बताया। वहीं सिरसा, सोनीपत और चरखी दादरी में गिरावट दर्ज की गई। इन जिलों को सख्त चेतावनी देते हुए अल्ट्रासाउंड केंद्रों के संयुक्त निरीक्षण और लगातार निगरानी के आदेश दिए गए हैं।

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