जीएसटी कलेक्शन में हरियाणा देशभर में चौथे पायदान पर
बैठक में जीएसटी और औद्योगिक क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से कई सुधार लागू किए हैं। इसे फर्म पंजीकरण प्रक्रिया सरल हुई है और कर भुगतान सुव्यवस्थित हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पहली जुलाई को चार्टर्ड अकाउंटेंट्स दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले आगामी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आने निमंत्रण भी दिया।
प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वित्त वर्ष 2020-21 को जीएसटी एमनेस्टी योजना के अंतर्गत शामिल किया जाए तथा कुछ पिछली जीएसटी देनदारियों पर दंड और ब्याज की छूट के माध्यम से करदाताओं को राहत प्रदान की जाए। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि इस मामले को जीएसटी परिषद के समक्ष उठाया जाएगा। उन्होंने आगे आश्वासन दिया कि उनकी सभी जायज मांगों पर विचार किया जाएगा तथा उचित तरीके से उनका समाधान किया जाएगा।
नायब सिंह सैनी ने कहा कि हाल ही में व्यापारियों और करदाताओं को अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए रेवाड़ी जिले में एक कर भवन के उद्घाटन सहित राज्य के सभी 27 जीएसटी कार्यालयों में आधार-आधारित सुविधा केंद्रों का भी उद्घाटन किया है। इन केंद्रों की स्थापना एक ही स्थान पर समाधान प्रदान करने के लिए की है, जहां व्यापारी पंजीकरण, रिटर्न दाखिल करना, कर भुगतान और जीएसटी कानून से संबंधित परामर्श जैसी विभिन्न सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
निवेश के लिए पहली पसंद
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की व्यापार-अनुकूल नीतियों के कारण, हरियाणा व्यापार करने और उद्योग स्थापित करने के लिए एक पसंदीदा स्थान के रूप में उभरा है। सरकार ने छोटे व्यापारियों और बड़े व्यावसायिक उद्यमों दोनों को कई रियायतें दी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को सहायता देने के लिए एक समर्पित सुविधा प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है। सरकार हरियाणा में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इस लक्ष्य का समर्थन करने के लिए राज्य बजट में कई पहल की हैं। उन्होंने कहा कि नए स्टार्टअप स्थापित किए जा रहे हैं। मौजूदा स्टार्टअप को सक्रिय रूप से समर्थन और विस्तार दिया जा रहा है।
इनक्यूबेशन सेंटर होंगे स्थापित
उद्यमिता को और बढ़ावा देने के लिए, इच्छुक उद्यमियों और छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाले स्टार्टअप बनाने में सहायता करने के लिए राज्य भर में इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। राज्य ने स्टार्टअप की स्थापना और विकास को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी स्टार्टअप नीति लागू की है। इसके अतिरिक्त, राज्य में नए स्टार्टअप का समर्थन करने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत 1 करोड़ रुपये से 25 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। बैठक में उद्योग विभाग के प्रधान सचिव डी़ सुरेश, आबकारी एवं कराधान विभाग के प्रधान सचिव देवेंद्र कल्याण, आबकारी एवं कराधान विभाग के आयुक्त विनय प्रताप सिंह, मुख्यमंत्री के ओएसडी भारती और राज्य के विभिन्न जिलों से आये सीए भी उपस्थित थे।