दिनेश भारद्वाज
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 28 सितंबर
हरियाणा के 64 गांवों में लंबित चकबंदी का काम अब जल्द पूरा होगा। इसके लिए 57 नायब तहसीलदारों को ग्राउंड पर उतारा जा चुका है। ये वे तहसीलदार हैं, जिनकी मौजूदा सरकार में ही नियुक्ति हुई और वे अपना ट्रेनिंग कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। हर नायब तहसीलदार को एक-एक गांव में चकबंदी का जिम्मा सौंपा है। 7 गांवों के लिए नायब तहसीलदारों की नियुक्ति सितंबर के दूसरे पखवाड़े में होगी।
दरअसल, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन नियमों के अनुसार एक वर्ष का अनुभव हुए बिना किसी भी नायब तहसीलदार को चकबंदी का काम नहीं सौंपा जा सकता। आधा दर्जन से अधिक नायब तहसीलदार ऐसे हैं, जिन्हें नौकरी में आए एक वर्ष होने में अभी कुछ दिन शेष हैं। इसलिए फिलहाल 57 गांवों में चकबंदी शुरू होगी। प्रदेश में लगभग 6800 गांव हैं। 64 को छोड़कर बाकी गांवों में चकबंदी का काम पहले ही पूरा हो चुका है।
हालांकि इससे पहले हुई चकबंदी में भी इस तरह से नायब तहसीलदारों की ड्यूटी नहीं लगी थी। यह पहला मौका होगा जब नायब तहसीलदार गांव-गांव और खेत-खेत जाकर जमीन की पैमाइश करेंगे। आमतौर पर यह काम पटवारी या कानूनगो ही गांव में जाकर करते रहे। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री होने के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला ने ट्रेनिंग पूरी करने वाले 57 नायब तहसीलदारों को एक-एक गांव अलॉट किया है।
ये नायब तहसीलदार पहली अक्तूबर से गांव में जाकर चकबंदी का काम शुरू करेंगे। भिवानी-दादरी जिले के गांवों में 30 नायब तहसीलदारों की ड्यूटी लगाई गई है। रोहतक में आठ, झज्जर में चार, पानीपत में तीन, करनाल में आठ, हिसार में एक, अंबाला में दो व गुरुग्राम में दो नायब तहसीलदारों की चकबंदी के लिए गांव-गांव में जाने की ड्यूटी लगाई गई है। अब से पहले नायब तहसीलदार चकबंदी के लिए सीधे तौर पर गांव के लिए उत्तरदाई नहीं होते थे।
दुष्यंत ने बताया कि प्रदेश के 64 गांवों में चकबंदी नहीं है। इन गांवों से अमूमन हर रोज जमीनी मामले को लेकर शिकायतें आती रहती थी। ऐसे मामलों को सुलझाने के लिए चकबंदी जरूरी होती है। इन गांवों का जमीन रिकार्ड सदियों से बीघा एवं बिस्वा में चला आ रहा है। वहीं बाकी हरियाणा में हरियाणा में एकड़, कनाल एवं मरला में जमीनी रिकार्ड है। इन गांवों के किसानों की जमीन भी टुकड़ों में बंटी हुई है और खेतों में आने-जाने के लिए किसानों को रास्ते भी नहीं मिल पा रहे थे।
डिप्टी सीएम ने कहा कि चकबंदी होने से जमीदार के पास उसकी जमीन का लीगल मालिकाना हक हो जाएगा। सभी नायब तहसीलदारों को निर्देश दे दिए हैं कि वे निर्धारित समय सीमा में चकबंदी का कार्य पूरा करें।