ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 20 अगस्त
हरियाणा विधानसभा का शुक्रवार से शुरू हुआ मानसून सत्र तीन दिन चलेगा। इस दौरान सरकार अलग-अलग छह विधेयक सदन में पेश करेगी। लगातार पेपर लीक की घटनाओं से सबक लेते हुए सरकार इससे निपटने के लिए ‘नकल विरोधी’ सख्त कानून बनाएगी। बिल का ड्रॉफ्ट तैयार हो चुका है। इस पर संभवत: सोमवार को सदन में चर्चा होगी। शुक्रवार को स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में सत्र की अवधि तीन दिन के लिए तय की गई।
विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सत्र की अवधि को छोटा बताते हुए इसे कम से कम एक सप्ताह करने की मांग की है। उन्होंने कहा, मैंने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में भी यह मुद्दा उठाया था। वहीं बैठक के बाद मीडिया से रूबरू हुए स्पीकर ज्ञानंचद गुप्ता ने कहा, हमें सत्र की अवधि बढ़ाने में कोई परेशानी नहीं है। अगर विधायी कार्य होंगे और विधायक नियमानुसार चर्चा करेंगे तो सत्र को एक नहीं, दो सप्ताह के लिए भी बढ़ा सकते हैं। फिलहाल जो बिजनेस है, उसके लिए 24 अगस्त तक का समय काफी है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को सत्र की बैठक के बाद भी अगर बिजनेस बकाया रहता है तो सत्र को एक और दिन के लिए बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा, विधायकों की अकसर शिकायत रहती थी कि बिल की कॉपी उन्हें ऐन-मौके पर मिलती है। इसमें अब सुधार किया है। इस सत्र में पेश होने वाले अधिकांश विधेयकों की कॉपी विधायकों को भेजी जा चुकी है ताकि वे स्टडी कर उन पर सदन में चर्चा कर सकें। एक सवाल पर स्पीकर ने कहा कि नकल विरोधी बिल सरकार इसी सत्र में पेश करेगी। बताते हैं कि नकल रोकने के लिए सरकार ने सख्त कानून बनाया है। इसमें कम से कम सात साल की सजा और एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया है। नकल में शामिल मिलने वाले परीक्षार्थियों पर कम से कम दो हजार रुपये जुर्माने और उनकी प्रॉपर्टी अटैच करने के प्रावधान बिल में होंगे। नकल करते हुए पकड़े जाने पर आरोपी को भविष्य में सरकार में किसी भी तरह की नौकरी नहीं मिलेगी। उसे पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा।
बिल ड्रॉफ्ट में नकल के षड्यंत्र में शामिल आयोग, प्रतिभागी, प्रशासन के अधिकारी, परीक्षा केंद्र से संबंधित स्टॉफ, पेपर सेंटर, प्रिंटिंग प्रेस व ट्रांसपोर्टर की मिलीभगत मिलने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। सरकारी कर्मचारी या अधिकारी अगर पेपर लीक मामले में पकड़े जाते हैं तो उन्हें नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा। स्पीकर ने कहा कि पेपर लीक मामले में विपक्ष का काम रोको प्रस्ताव आया है। इसे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में तबदील किया है और इस पर सदन के दौरान चर्चा करवाई जाएगी।
एक सवाल के जवाब में स्पीकर ने कहा कि अभी तक कुल 35 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव आए हैं। इनमें से जरूरी प्रस्तावों पर सदन में चर्चा करवाई जाएगी। नियमों के अनुसार, एक सिटिंग में अधिकतम दो प्रस्तावों पर चर्चा हो सकती है। सत्र के दौरान एक घंटे का शून्यकाल और एक ही घंटे का समय ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के लिए तय किया है। तीनों दिन एक घंटे के लिए प्रश्नकाल रहेगा। तीनों दिन लगने वाले सवालों का ड्रा के जरिये फैसला हो चुका है।
हुड्डा ने जताया विरोध
वहीं दूसरी ओर, विपक्ष के नेता व पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मानसून सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की है। उनका कहना है कि उन्होंने इस मुद्दे पर बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में भी मांग उठाई। पेपर लीक, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, कानून व्यवस्था, किसान आंदोलन, कोरोना महामारी सहित कई ऐसे ज्वलंत मुद्दे हैं, जिन पर सदन में चर्चा होनी है। ऐसे में सत्र की अवधि कम से कम एक सप्ताह होनी चाहिए।