Hardik Rathi Death Case : कांग्रेस सांसदों के प्रतिनिधिमंडल के साथ लोकसभा अध्यक्ष से मिले हुड्डा, जिम्मेदारी तय करने की मांग
सांसद दीपेंद्र हुड्डा मंगलवार को हरियाणा के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक राठी की मौत के मुद्दे पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिले। दीपेंद्र ने उन्हें परिवार की तरफ से दायर एफआईटार से भी अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में खेल स्टेडियम की दुर्दशा के कारण उन्होंने 3 साल पहले अपने एमपी कोटे से साढ़े 18 लाख रुपये दिए, जो लगाए नहीं गए और अधिकारी फाइलें घुमाते रहे। इसकी वजह से राष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक राठी को अपनी जान गंवानी पड़ी। स्टेडियम की मरम्मत के लिए उनकी सांसद निधि से दिए गए साढ़े 18 लाख रुपये खर्च नहीं करने के पीछे अफसरों की आपराधिक लापरवाही है। हुड्डा ने मांग करी कि सदन के संरक्षक के रूप में स्पीकर इस मामले का संज्ञान लें और आगे कार्रवाई करें। देश में एमपी कोटे के क्रियान्वयन के लिए नए दिशा-निर्देश और नियम बनाएं, ताकि स्थानीय अफसरों की जिम्मेदारी तय हो सके।
सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में जयप्रकाश जेपी, सांसद वरुण मुलाना मौजूद रहे। सांसदों की मांग पर लोकसभा अध्यक्ष ने तुरंत इस विषय का संज्ञान लेते हुए एमपीलैड कमेटी के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को तलब किया और निर्देश दिया कि स्पीकर की अध्यक्षता में जल्द एक राष्ट्रीय बैठक बुलाई जाए, जिसमें देश भर के सांसदों को आमंत्रित किया जाए। उस बैठक के माध्यम से एमपीलैड के क्रियान्वयन के लिए नए दिशा-निर्देश व नियम बनाए जाएंगे ताकि देश में सांसद निधि के क्रियान्वयन में देरी के लिए जवाबदेही तय हो सके।
स्पीकर ने एमपीलैड कमेटी के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को यह भी निर्देश दिया कि रोहतक डीसी से बात करके रोहतक मामले की जांच कराकर रिपोर्ट लोकसभाध्यक्ष को सौंपी जाए। ओम बिरला को दिए पत्र में हुड्डा ने एमपीलैड के मंजूर कामों को जान-बूझकर पूरा न करने को विशेषाधिकार उल्लंघन और सदन की अवमानना का मामला बताया। उन्होंने कहा कि उनकी सांसद निधि से मंजूर कामों को जानबूझकर पूरा न करने की वजह से रोहतक के लाखनमाजरा गांव के स्पोर्ट्स स्टेडियम में 25 नवंबर को प्रेक्टिस के दौरान 16 साल के राष्ट्रीय स्तर के बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक राठी की दु:खद मृत्यु हो गई थी।
