चंडीगढ़, 21 सितंबर (ट्रिन्यू)
दम तोड़ने के कगार पर खड़े हरियाणा के गुरुकुलों को केंद्र ने ‘संजीवनी’ दी है। प्रदेश के 18 गुरुकुलों को अब केंद्र सरकार सीधे ग्रांट देगी। यह पैसा उनके बैंक खातों में आएगा। इससे जहां पुराने गुरुकुलों का जीर्णोद्धार होगा, वहीं राज्य में नये गुरुकुलों की स्थापना का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
जल्द ही केंद्र से आर्थिक मदद मिलनी शुरू होगी। हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ़ दिनेश शास्त्री ने मंगलवार को यहां बताया कि अकादमी ने ग्रांट हासिल करने के लिए गुरुकुलों और संस्कृत संस्थानों के दस्तावेज केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नयी दिल्ली में जमा करवा दिए हैं।
उन्होंने बताया कि जल्द ही विश्वविद्यालय की टीम इन संस्थाओं का दौरा करेगी। इसके सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बिना किसी रुकावट के जल्द ही केंद्र से सीधे इनके खातों में राशि आना शुरू हो जाएगी। संस्कृत अकादमी प्रदेश में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रही है। प्रदेश सरकार का इसमें महत्वपूर्ण योगदान है। प्रत्येक जिले में संस्कृत के प्रति रचनात्मक और क्रियात्मक कार्य के लिए स्वयंसेवी जिला संयोजकों को जिम्मेदारी दी है। अकादमी द्वारा तकनीकी माध्यमों को अपनाते हुए संस्कृत का प्रचार-प्रसार आधुनिक तरीकों से किया जा रहा है। उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री की सोच है कि प्रदेश का हर बच्चा त्याग और समर्पण पर आधारित शिक्षा प्राप्त करे। अन्य विषयों के साथ-साथ उन्हें नैतिक मूल्यों, योग एवं देशभक्ति की शिक्षा प्रदान की जाए।
उन्होंने कहा कि राज्य की संस्कृत संस्थाएं अब तक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से प्राप्त होने वाली ग्रांट से वंचित थीं। प्रदेश सरकार द्वारा संस्थाओं को यह वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी संस्कृत अकादमी को सौंपे जाने पर इस दिशा में तेजी से कार्य किया गया। ग्रांट प्राप्त करने के लिए प्रदेश की कुल 18 संबंधित संस्थाओं के आवेदन-पत्र सरकार से स्वीकृति प्राप्त कर केंद्रीय संस्कृत विवि में जमा करवाए जा चुके हैं। विवि से मिलने वाली इस ग्रांट की मदद से बंद होने की कगार पर खड़ी संस्कृत संस्थाएं अब पुन: कार्य करने लगेंगी। इससे भविष्य में और भी संस्कृत संस्थाएं खुलने का मार्ग प्रशस्त होगा।
इन जिलों को होगा फायदा
योजना के तहत भिवानी, जींद, रोहतक, गुरुग्राम एवं दादरी जिला की दो-दो संस्थाएं और कुरुक्षेत्र, झज्जर, सोनीपत, पानीपत, करनाल, अम्बाला, फरीदाबाद और पलवल की एक-एक संस्था लाभांवित होंगी। हरियाणा संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ़ दिनेश शास्त्री ने कहा कि उचित मार्गदर्शन के अभाव में गुरुकुल संचालक केंद्र की इस ग्रांट का फायदा नहीं उठा पा रहे थे। बहुत से गुरुकुल बंद होने की कगार पर हैं। इस ग्रांट के सीधे उन तक पहुंचने पर सबसे पहले संस्थाएं योग्य आचार्य एवं उप-आचार्य नियुक्त कर उन्हें समुचित मानदेय दे सकेंगी।