कुरुक्षेत्र, 15 जनवरी (हप्र)
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र के निर्माण और विकास में भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. गुलजारी लाल नंदा के योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता है। युवा पीढ़ी को शिक्षा और संस्कार मिलते है। इन संस्कारों और शिक्षा का अनुसरण करके देश और प्रदेश के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरणा मिलती है। आज उनके प्रयासों को और आगे ले जाने की जरुरत है। ये विचार स्वामी ज्ञानानंद ने शुक्रवार को भारत रत्न स्व. गुलजारी लाल नंदा की पुण्यतिथि पर ब्रहमसरोवर पर स्थित सदाचार स्थल पर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री गुलजारी लाल नंदा की प्रतिमा पर फूलमाला अर्पित करने के उपरांत बोलते हुए व्यक्त किए।