फरीदाबाद, 18 अगस्त (हप्र)
आल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इम्पलाइज फेडरेशन की 2 दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा की अध्यक्षता में बुधवार को यहां शरू हुई। बैठक में 26 राज्यों के 62 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। महासचिव ए श्रीकुमार ने केंद्र सरकार द्वारा लागू की जा रही नव उदारवादी आर्थिक नीतियों के जनता पर पड़ रहे प्रभावों और कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी करने की रिपोर्ट की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना आपदा को अवसर में बदलकर नव उदारवादी आर्थिक नीतियों को बड़ी तेजी से लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कारपोरेट घरानों को लाखों करोड़ के करों में छूट दे रही है और दूसरी तरफ बढ़ती मंहगाई और बेरोजगारी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने में विफल रही है। बैठक में जम्मू-कश्मीर के करीब 50 कर्मचारियों की बर्खास्तगी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया और बहाली की मांग की। बैठक में सर्व सम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में असंवैधानिक तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और लेबर कोड्स को रद्द करने की मांग की। बैठक में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा कर्मचारी नेताओं के दूर-दराज तबादले कर उनका उत्पीड़न करने और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बिना आंदोलन एस्मा लगाने की निंदा की गई। राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए सुभाष लांबा ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार पुरानी पेंशन बहाली करने और ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मचारियों को पक्का करने जैसी मांगों की अनदेखी कर रही है।