पंचकूला, 6 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने मांग की है कि सरकार व शिक्षा विभाग सभी विद्यार्थियों, शिक्षकों व सहायक स्टाफ को वांछित वैक्सीनेशन एवं अन्य स्वास्थ्य सुरक्षा साधन उपलब्ध करवा कर स्कूल खोले। अध्यापक संघ की रविवार को राज्य कार्यकारिणी की ऑनलाइन हुई बैठक में इसकी मांग की गई। राज्य प्रधान सीएन भारती ने इस दौरान कहा कि क्लासरूम शिक्षा का कोई विकल्प नहीं है। विपरीत हालात में कुछ काम ऑनलाइन शिक्षा से चलाया जा सकता है, लेिकन उसके लिए सरकार ने व्यावहारिक प्रबंध नहीं किए। लंबी अवधि के लिये लाॅकडाउन को लेकर व्यापक ढांचागत प्रबंध नहीं किये गये। अब दूसरा साल भी बर्बाद हो रहा है।
भारती ने कहा कि सरकार शिक्षकों और बच्चों को लैपटाॅप, टैब व नेटपैक की सुविधा नहीं दे पाई। प्राइवेट व सरकारी स्कूलों के 90 प्रतिशत बच्चे साधनहीन हैं। उन्हाेंने कहा कि वैसे तो वैक्सीनेशन के बाद बोर्ड को किसी न किसी रूप में बोर्ड परीक्षाएं लेनी चाहिए थी, लेकिन अब जब निर्णय ले लिया गया है कि बोर्ड परीक्षाएं नहीं होंगी तो अध्यापक संघ की मांग है कि 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षा का शुल्क वापस किया जाए। वैसे भी महामारी में 97 प्रतिशत जनता की आय कम हो चुकी है। यदि बोर्ड ने ऐसा नहीं किया तो अध्यापक संघ बोर्ड के खिलाफ आंदोलन खड़ा करेगा। महासचिव जगरोशन ने कहा कि शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर के साथ हुई बैठक में कई मांगों को पूरा करने का वादा किया गया था, जो पूरा नहीं हुआ।
मांगें नहीं मानी गई तो आंदोलन करेंगे अध्यापक
अम्बाला शहर (हप्र) : कोरोना संक्रमण से मारे गए 128 अध्यापकों और पदाधिकारियों को हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने वर्चुअल बैठक कर श्रद्धांजलि दी। संघ ने सरकार से इन अध्यापकों की सूची जारी करने की अपील की है। अध्यापक संघ ने चेतावनी दी कि इस संबंध में उच्चाधिकारियों को ज्ञापन भेजकर मिलने का समय मांगा जाएगा। जिला सचिव अशोक कुमार सैनी ने बताया कि दिवंगत अध्यापकों के परिवारों को 50 लाख रुपये की मुआवजा राशि और अन्य मांग की गई। मांगें न मानने पर आंदोलन होगा।