जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 18 नवंबर
धान के भुगतान को लेकर सरकार और आढ़ती आमने -सामने हैं। सरकार जहां धान के अधिकतम भुगतान किए जाने का दावा कर रही है वहीं आढ़ती इसे गलत बयानबाजी कह हैं और बता रहे हैं कि अभी तक 26 अक्तूबर तक का ही भुगतान उन्हें मिला है जिसमें से भी कई दिन का भुगतान छोड़ कर मिला है। अब सरकार पर धान के भुगतान को लेकर गलतबयानी करने का आरोप लगाते हुए प्रदेश आढ़ती एसोसिएशन ने मांग की है कि वह तिथि अनुसार श्वेतपत्र जारी करे कि किस दिन सरकार ने पैसा रिलीज किया और किस दिन आढ़ती व किसानों के खातों में पहुंचा है।
दरअसल धान की आवक अब अपने अंतिम चरण पर पहुंच चुकी है और अब मंडियां बासमती की भीनी भीनी खुशबू से महक रही हैं। ए ग्रेड किस्म का धान कोई इक्का दुक्का ढेरी ही आ रहा है लेकिन सीजन समाप्त होने के कगार पर पहुंचने के बावजूद आढ़तियों व किसानों को अभी तक धान का भुगतान नहीं मिला। खाद्य आपूर्ति विभाग हो या हैफड के जिला अधिकारी स्थिति स्पष्ट करने की अपेक्षा फोन रिसीव नहीं करना ही बेहतर समझ रहे हैं। अम्बाला शहर के आढ़तियों की माने तो हरियाणा के किसानों का भुगतान ही सरकार ने नहीं किया जबकि पंजाब के किसानों को आज तक एक पैसा नहीं मिला।
प्रदेश आढ़ती एसोसिएशन के संरक्षक एवं जिला प्रधान दूनीचंद दानीपुर ने सपष्ट शब्दों में कहा कि सारा खेल कमीशन और बयाज कमाने का है जिसे सरकारी अधिकारी प्राइवेट बैंकों के माध्यम से खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बैंकों के स्थान पर भुगतान के लिए प्राइवेट बैंकों को अधिमान देने के पीछे का सबसे बड़ा कारण और षड्यंत्र यही है कि खरबों रुपये के भुगतान के बदने कमीशन भी मिले और एक-एक दिन का ब्याज सरकार को मिले। अन्यथा क्या कारण है कि एसबीआई को छोड़ दिया गया और ज्यादातर भुगतान प्राइवेट बैंकों को सौंप दिया गया।
अधिकारी केवल चंडीगढ़ में बैठ कर यह आंकड़ा जारी कर रहे हैं कि उन्होंने कितना पैसा सिस्टम में रिलीज कर दिया लेकिन वह यह नहीं बताते कि वास्तव में कितना पैसा किस दिन आढ़ती और किसानों के खाते में ट्रांसफर हुआ, यह खेल का सबसे बड़ा पेंच है। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह श्वेत पत्र जारी करे कि उसने कितना पैसा किस दिन रिलीज किया और वास्तव में वह किस दिन संबंधित के खातों में पहुंचा, पहुंचा भी या नहीं।
अम्बाला शहर मंडी धान खरीद में सबसे आगे
जिला में धान की खरीद का कार्य अंतिम चरण में है। जिला की अम्बाला शहर की मंडी धान आवक और खरीद के मामले में सबसे आगे बनी हुई है। बीती 17 नवम्बर तक सभी 14 अनाज मंडियों व खरीद केन्द्रों पर 661210 मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है। इस अवधि में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने 222866 मिट्रिक टन, हैफड ने 422818 मिट्रिक टन तथा हरियाणा भंडारण निगम ने 15526 मिट्रिक टन धान की खरीद की है। अम्बाला शहर अनाज मंडी में सबसे ज्यादा 191147 मिट्रिक टन धान आवक हुआ।