यमुनानगर, 11 जनवरी (हप्र)
यमुनानगर में प्रदेशव्यापी डॉक्टरों की हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है। यमुनानगर में जहां पहले से ही सरकारी डॉक्टरों के 109 पद खाली हैं जबकि 77 डॉक्टर अपनी सेवायें दे रहे थे, उनमें से अधिकांश आज हड़ताल पर चले गए, जिसके चलते सरकारी सेवायें प्रभावित हुईं। हालांकि सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया का दावा है कि सभी तरह की ओपीडी व जरूरी सेवायें चल रही हैं। वहीं, डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डाक्टर गोंदवाल का दावा है कि इमरजेंसी सर्विस इसलिए दी जा रही है ताकि मरीजों को कोई दिक्कत न हो।
हड़ताल पर रहे डाक्टर, मरीजों की बढ़ी परेशानी
कुरुक्षेत्र (हप्र) : हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर आज मंगलवार को सरकारी डॉक्टरों ने ओपीडी बंद करके विरोध जताया। डाक्टरों ने सिविल अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग के गेट के समीप धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते ओपीडी सेवायें बाधित रहीं परिणामस्वरूप सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को मुश्किल का सामना करना पड़ा और उन्हें इलाज के लिए निजी अस्पताल का सहारा लेना पड़ा। इस हड़ताल में सिविल अस्पताल के कई चिकित्सक शामिल नहीं हुए। उन्होंने मरीजों की जांच की। हालांकि इमरजेंसी और पोस्टमार्टम सेवाएं जारी रही। दरअसल एसएमओ की सीधी भर्ती के विरोध और विशेषज्ञ कैडर बनाने सहित अन्य लंबित मांगों के समर्थन में सरकारी डाक्टरों ने एक दिवसीय हड़ताल की है। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के जिला कार्यकारिणी के प्रधान डॉ. ललित कल्सन और डॉ. जगमिंद्र मलिक ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती तो आगामी 14 जनवरी से इमरजेंसी और पोस्टमार्टम सेवाएं सहित सभी स्वास्थ्य सेवाएं बंद कर दी जाएंगी।
सीएचओ ने जांचा मरीजों को
घरौंडा (निस) : अपनी मांगों को लेकर सरकारी अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर रहे। मरीजों को थोड़ी राहत देने के लिए ओपीडी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसरों (सीएचओ) के हवाले रही। ग्रामीण क्षेत्रों की सीएचओ ने मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की। इसके साथ ही इमरजेंसी सेवाओं के लिए भी डॉक्टरों की नियुक्ति रही। सरकार को जगाने के लिए डॉक्टरों ने सांकेतिक हड़ताल की है। डॉक्टरों ने सरकार को 13 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया है। यदि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो 14 जनवरी को ओपीडी, इमरजेंसी व तमाम तरह की सेवाएं बंद कर दी जाएगी। सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल होने के बावजूद सैकड़ों की संख्या में मरीज अस्पताल पहुंचे। ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाली सीएचओ ने मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की।