भिवानी, 7 जून (हप्र)
हरियाणा सरकार किसानों पर केस बनाकर ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है लेकिन हम किसी प्रकार की ढील नहीं देंगे और किसान- मजदूरों का पूरा ध्यान दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे धरने को मजबूती देने का रहेगा।
चिड़िया पचगामा खाप के प्रधान राजबीर शास्त्री ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के धरने को संबोधित किया और यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को गुमराह करने के लिए सरकार कई तरह के हथकंडे अपना रही है, जिससे सजग रहने की जरूरी है। अहम जरूरत सरकार के मंसूबों को जानकर उसमें उलझने की बजाये आंदोलन को धार देने की है। उन्होंने कहा कि तीन काले कानून बनाने के लिए पूरी तरह से केंद्र सरकार जिम्मेदार है और हरियाणा की गठबंधन सरकार उस पाप में बराबर की भागीदार है। हमें इनके किसी झांसे में नहीं आना है। उन्होंने कहा कि हर परिवार से एक आदमी दिल्ली बॉर्डर के धरने पर जाए और बाकी लोग अपने पास के टोल पर चल रहे धरनों में शिरकत करें ताकि केंद्र और हरियाणा सरकार पर दबाव बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि किसान-मजदूरों की एकजुटता के चलते सरकार को झुकना पड़ा और टोहाना में बंदी किसानों को छोड़ना पड़ा। यही वजह रही कि थानों के घेराव का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। कितलाना टोल पर धरने के 165वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, फौगाट खाप उन्नीस के प्रवक्ता शमशेर फौगाट, श्योराण खाप पच्चीस के प्रधान बिजेंद्र बेरला, किसान सभा के रामफल देशवाल, चिड़िया पचगामा, राजबीर शास्त्री, राज सिंह, मीर सिंह, बलबीर, सुखदेव, निर्मला पांडवान और प्रेमशर्मा ने अध्यक्षता की।
इस अवसर पर मास्टर ताराचन्द, सूरजभान सांगवान, गंगाराम श्योराण, सुरेन्द्र सांगवान, सन्तोष देशवाल, सुन्दर ठेकेदार मौजूद थे।

हर हथकंडे का मुंहतोड़ जवाब देंगे किसान
हिसार (हप्र) : वर्ष-2020 में जलभराव, ओलावृष्टि, सफेद मक्खी, अंधड़ से बर्बाद हुई फसलों की गिरदावरी के अनुसार मुआवजा देने और गेहूं की फसल का भुगतान करने समेत कई अन्य मांगों के समर्थन में डीसी कार्यालय पर चल रहा बेमियादी धरना सोमवार को 41वें दिन में प्रवेश कर गया। धरने की अध्यक्षता सुनील पृथ्वी गोरखपुरिया ने की।
जिला प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान सरकार किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिये व आपस में भाईचारे को खराब करने के लिये ओच्छे हथकंडे अपना रही है। जजपा विधायक देवेन्द्र बबली किसानों से गाली-गलौच पर उतर आये हैं। बेकसूर किसानों पर 307 जैसे संगीन केस दर्ज करवाए जा रहे हैं। किसान इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे।
प्रेस सचिव सूबे सिंह बूरा ने बताया कि किसान सभा अपनी उपरोक्त मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। अपनी बेची हुई गेहूं का किसान को भुगतान मिले ताकि वो अगली फसल की बुआई कर सके। इन मांगों को पूरा किये जाने में सरकार का कोई खर्चा नहीं है फिर भी किसानों की सुध नहीं ली जा रही।
बालसमंद तहसील के प्रधान कृष्ण कुमार गावड़ ने कहा कि तहसील के किसानों को पीने के पानी एवं पशुओं के लिये 4 हजार रुपए प्रति टेंकर मोल लेना पड़ रहा है। गांव गोरछी, गावड़, सरसाना, चौधरीवाली, लाडवी, खारिया, बांडाहेड़ी, बुड़ाक आदि गांवों में पानी की भयंकर समस्या बनी हुई है। सरकार केवल किसानों के आंदोलन को दबाने में लगी हुई है। धरने को डॉ. करतार सिंह, राजीव पातड़, देवेन्द्र लौरा, बलराज, सुबेर सिंह लाडवा, अजीत सिंह, सुरेश कुमार मोड़ाखेड़ा, जयराम जाखड़, बलबीर उगालन, छाजूराम दुबेटा, शमशेर कस्बां, बलबीर बिश्रोई, नरसी जाखड़, सोहनलाल, पंकज, संतलाल आदि ने संबोधित किया।