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गीता भुक्कल और दुष्यंत चौटाला विवाद अब बिजनेस एडवाइजरी कमेटी में पहुंचा

अब हाईकोर्ट सिटिंग जज से जांच का फैसला बीएसी करेगी

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  • उचाना स्कूल के प्रिंसिपल को बचाने के दुष्यंत ने लगाए थे भुक्कल पर आरोप
  • सदन में हुआ जबरदस्त हंगामा, गतिरोध के बीच दो बार सदन हुआ स्थगित
  • स्पीकर ने एलआर से कानूनी राय भी मांगी, बीएसी मीटिंग में होगी चर्चा
  • दुष्यंत ने कहा था 2005 में भी प्रिंसिपल पर लगे थे आरोप, भुक्कल बोलीं, शिक्षक की भर्ती ही 2008 में हुई
  • 2011 में भुक्कल के घर हुई पंचायत भी अब दुष्यंत ने 2012 में होने की बात कही
  • विधानसभा में अपने स्टैंड पर कायम दिखे उपमुख्यमंत्री

दिनेश भारद्वाज

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

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चंडीगढ़, 18 दिसंबर

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उचाना (जींद) स्कूल के प्रिंसिपल पर लगे छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर सोमवार को भी विधानसभा गरमाई रही। इससे पहले शुक्रवार को इस मुद्दे पर बहस और चर्चा के बाद सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवाने का फैसला कर लिया था। सोमवार को पूर्व सीएम और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसका विरोध किया। खूब हंगामा हुआ। विधानसभा में गतिरोध बना रहा और दो बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

आखिर में इस बात पर सहमति बनी कि अब यह मामला विधानसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के पास भेजा जा रहा है। शनिवार को बीएसी की बैठक होगी और उसमें तय किया जाएगा कि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला तथा पूर्व शिक्षा मंत्री एवं झज्जर विधायक गीता भुक्कल द्वारा एक-दूसरे पर लगाए गए आरोपों की न्यायिक जांच करवाई जाएगी या नहीं। अगर मामले की न्यायिक जांच नहीं करवाई जाती और विधानसभा की कमेटी को जांच सौंपी जाती है तो इसका निर्णय भी बीएसी के स्तर पर ही होगा।

मामला बीएसी को भेजने का निर्णय रोहतक विधायक भारत भूषण बतरा की दलीलों क बाद हुआ। बतरा ने सदन में रूल बुक्स का हवाला देते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही को बाहर जांच के लिए नहीं भेजा जा सकता। ना ही कोई एजेंसी या जज सदन की कार्यवाही की जांच कर सकता है। साथ ही, उन्होंने यह भी आग्रह किया कि इस मामले को कोर्ट में भेजने से पहले एलआर से कानूनी राय ली जाए। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा, एलआर की राय जल्द आ जाएगी। अब इस पर फैसला मंगलवार को बीएसी की बैठक में लिया जाएगा।

यहां बता दें कि उचाना के प्रिंसिपल को सरकार टर्मिनेट कर चुकी है। उसके खिलाफ केस भी दर्ज हो चुका है और वह अब सलाखों के पीछे है। शुक्रवार का गीता भुक्कल ने स्कूलों में छात्राओं के यौन उत्पीड़न का मामला उठाते हुए सरकार को घेरा था। उचाना क्योंकि डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का निर्वाचन क्षेत्र है। ऐसे में भुक्कल के निशाने पर दुष्यंत चौटाला थे। पलटवार में दुष्यंत ने गीता भुक्कल पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा था कि 2011 में भी प्रिंसिपल पर आरोप लगे थे और डीडीआर दर्ज हुई थी।

उस समय शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के झज्जर आवास पर पंचायत हुई और उसमें समझौता हुआ। डीडीआर को रद्द करवाया गया। इसी तरह का मामला 2005 में भी हुआ था और उस समय भी प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने दी गई। सोमवार को गीता भुक्कल ने जब न आरोपों को लेकर सदन में सीएम मनोहर लाल खट्टर और स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को अपनी लिखित स्टेटमेंट दी तो मामला फिर से गरमा गया। भुक्कल और स्पीकर के बीच तीखी बहस भी हुई।

सामने आए ये नये अपडेट

शुक्रवार को दुष्यंत ने आरोप लगाया था कि 2005 और 2011 में भी प्रिंसिपल पर छेड़छाड़ के आरोप लगे थे। सोमवार को पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, प्रिंसिपल की भर्ती ही 2008 में हुई है तो ऐसे में 2005 का मामला कैसे हुआ। वहीं गीता भुक्कल ने कहा, 2011 में मेरे पास झज्जर में निवास ही नहीं था। इन दोनों मामलों में पक्ष रखते हुए दुष्यंत ने कहा, 2005 में आरोपी प्रिंसिपल प्राइवेट स्कूल में पढ़ाता था। साथ ही, शुक्रवार की स्टेटमेंट में संशोधन करते हुए उन्होंने कहा कि गीता भुक्कल के यहां झज्जर में 2011 नहीं दिसंबर-2012 में पंचायत हुई थी। इस पर भुक्कल ने कहा, जिस सरपंच का नाम डिप्टी सीएम ले रहे हैं। उनका एक बयान मीडिया में आया है, जिसमें वे कह रहे हैं कि जेजेपी के लोग उन पर दबाव डाल रहे हैं।

स्पीकर और सीएम से भिड़े हुड्डा

इस मुद्दे पर हुड्डा की सीएम और स्पीकर के साथ भी भिड़ंत हुई। पूर्व सीएम ने कहा कि विधानसभा में उठाए जाने वाले मुद्दों और यहां लगने वाले आरोपों की जांच बाहर के किसी व्यक्ति को नहीं सौंपी जा सकती। अगर न्यायिक जांच ही करवानी है तो आरोपी प्रिंसिपल की करवाएं। स्पीकर ने कहा, न्यायिक जांच का फैसला सदन की सहमति से हुआ है। वहीं सीएम ने कहा, पूरी चर्चा के बाद और विपक्ष की डिमांड के बाद ही हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच का निर्णय लिया गया।

रुक गया चीफ जस्टिस को जाने वाला पत्र

सीएम ने बहस के बीच सदन में स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि सरकार इस मामले की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवाने का निर्णय कर चुकी है। गृह विभाग को निर्देश दिए जा चुके हैं कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा जाए ताकि वे एक सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कर सकें। यह पत्र सोमवार को ही भेजा जा रहा है, लेकिन इस मामले में नया मोड़ आने के चलते फिलहाल पत्र रुक गया है। अब सभी की नजऱें मंगलवार को होने वाली बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक पर टिकी हैं।

मुझे नहीं चाहिए लिखित स्टेटमेंट

गीता भुक्कल और स्पीकर के बीच काफी देर तक बहस चलती रही। भुक्कल जब बार-बार स्पीकर को अपनी लिखित स्टेटमेंट की बात कह रही थीं तो ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि अब सिटिंग जज के सामने ही बयान दें। उन्होंने दुष्यंत द्वारा लगाए आरोपों को खारिज किया। विवाद अधिक बढ़ा और स्पीकर अपने फैसले पर अड़ रहे तो हुड्डा व भुक्कल ने कहा कि वे डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के खिलाफ प्रीविलेज मॉशन ला रहे हैं। हालांकि लिखित में इसका कोई प्रस्ताव नहीं आया।

गौतम नहीं थे फैसले से सहमत

नारनौंद से जजपा विधायक रामकुमार गौतम दुष्यंत चौटाला और गीता भुक्कल के विवाद और आरोपों की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवाने के पक्ष में नहीं थे। उन्होंने कहा, यह हाउस का मामला है और इसे यही पर निपटाया जाना चाहिए। बेशक, विधानसभा की सर्वदलीय कमेटी का गठन कर दिया जाए। स्पीकर खुद इसे चेयर करें। हुड्डा ने भी कहा कि स्पीकर की अध्यक्षता में कमेटी का गठन करके मामले की जांच करवाई जाए। इस पर रोहतक विधायक बीबी बतरा ने कहा, मैंने शुक्रवार को भी सलाह दी थी कि इस मामले की जांच हाउस की कमेटी से करवाई जानी चाहिए।

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