चंडीगढ़, 8 मार्च (ट्रिन्यू)
राज्य के सभी जिलों में कैथ लैब स्थापित होंगी। पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पाटर्नरशिप) मोड पर यह सुविधा शुरू होगी। पहले चरण में गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला व अंबाला में इसकी शुरुआत हो चुकी है। अगले चरण में अन्य जिला अस्पतालों की बारी है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सोमवार को विधानसभा में यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों में एमआरआई और सिटी स्कैन सुविधा भी शुरू होगी। विज ने कहा कि इन चारों कैथ लैब में बीपीएल व अनुसूचित जाति के परिवारों के अलावा सरकारी कर्मचारियों को मुफ्त में स्टंट डाले जा रहे हैं। प्रदेश के अन्य मरीजों को 46 हजार 112 रुपये में सरकार स्टंड डाल रही है। वहीं, निजी अस्पतालों में स्टंट डालने के ढाई से 3 लाख रुपये लिए जाते हैं। विज ने कहा कि प्रदेश के बाकी जिलों में भी इन वर्गों के लिए यह सुविधा मुफ्त रहेगी। 19 शहरों में डायलसिस सेंटर सरकार द्वारा शुरू किए गए हैं।
विज ने कहा कि पीपीपी मोड के तहत कैथ लैब के लिए 15 हजार वर्गगज जगह की व्यवस्था सरकार को करनी होती है। बिजली-पानी का प्रबंध भी सरकार का होता है। बाकी पूरा खर्चा पीपीपी मोड के तहत निजी कंपनी द्वारा किया जाता है। उन्होंने कहा कि अंबाला में कैंसर उपचार सेंटर पर काम चल रहा है। अब फतेहाबाद में भी कैंसर सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए प्रपोजल बनाकर केंद्र को भेजा गया है। केंद्र की मंजूरी मिलते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।
मरीजों की मौत पर विवाद
सोनीपत विधायक सुरेंद्र पंवार ने प्रदेश में किडनी के कुल डॉक्टरों की संख्या विज से पूछी। विज ने कहा कि यह अलग सवाल है। पंवार ने जब कहा कि सैकड़ों लोगों की मौत सोनीपत में स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में हो चुकी है तो इस पर विज ने कहा कि वे आंकड़ा दें कि कितने लोगों की मौत हुई। उनका गुस्सा उस समय और भड़क गया जब बादली विधायक कुलदीप वत्स ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाएं सही नहीं होने की वजह से ही विज साहब पीजीआई रोहतक से गुरुग्राम के मेदांता में शिफ्ट हुए थे।
33 प्रतिशत राशन डिपो होंगे महिलाओं के नाम
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सोमवार को राज्य की महिलाओं को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया। प्रदेश के राशन डिपो में भी अब महिलाओं को हक मिलेगा। राज्य सरकार ने 33 प्रतिशत राशन डिपो महिलाओं के नाम अलॉट करने का फैसला लिया है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान यह ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार यह फैसला कर चुकी है। राशन डिपो फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट के अधीन आते हैं और यह मंत्रालय दुष्यंत के पास ही है। यहां बता दें कि इससे पहले सरकार पंचायतों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण का फैसला कर चुकी है। प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनावों में सरपंच के 50 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। हालांकि, सरकार के इस फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी हुई है। सरकार इसकी वकालत कर रही है। दुष्यंत ने कहा कि प्रदेश के गरीब व बीपीएल परिवारों को राशन लेने के लिए डिपो पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सरकार ने सभी राशन लाभार्थियों का डॉटा ऑनलाइन जुटा लिया है। अब राशन की होम डिलीवरी करेगी।
हुड्डा पर उतरा विधायकों का गुस्सा
कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार व कुलदीप वत्स के निजी हमलों से आहत विज का गुस्सा विपक्ष के नेता व पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा पर उतरा। उन्होंने कहा कि मुझे लगता था हुड्डा साहब अपने विधायकों को ट्रेनिंग दिलाएंगे, लेकिन वे तो खुद भ्रष्टाचार के मामले में चार्जशीट हैं। विज के इतना कहते ही कांग्रेसी भड़क उठे और सदन का माहौल गरमा गया। स्पीकर ने विज को टोकते हुए कहा कि इस तरह का मुद्दा सदन में न उठाएं। इस पर हुड्डा ने पलटवार करते हुए कहा कि राजनीतिक द्वेष के चलते सरकार से झूठे केस दर्ज कराए हैं। कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए। अदालत से दूध का दूध और पानी का पानी होगा।
बुढ़ापा पेंशन पर नैना ने ही बनाया सरकार पर दबाव
चंडीगढ़, 8 मार्च (ट्रिन्यू)
बाढ़डा से जजपा विधायक नैना चौटाला ने अपनी ही सरकार पर दबाव बनाया। राज्य में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार से उन्होंने जजपा के बुढ़ापा, विधवा व बेसहारा महिला तथा दिव्यांगों की पेंशन बढ़ोतरी की मांग की है। नैना ने कहा कि सरकार अब जजपा के 5100 रुपये बुढ़ापा पेंशन के वादे को पूरा करे। विधानसभा में राज्यपाल अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उन्होंने यह मुद्दा उठाया। नैना चौटाला, जजपा नेता व डिप्टी सीएम दुष्यंत की मां हैं। ऐसे में उनके इस बयान के बाद विपक्षी दल कांग्रेस भी सरकार पर पेंशन बढ़ोतरी के लिए दबाव बढ़ाएगा। कांग्रेस गठबंधन सरकार पर बुढ़ापा पेंशन के वादे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाती रही है। जजपा ने पेंशन 5100 रुपये करने का वादा चुनावी घोषणा-पत्र में किया हुआ है। वर्तमान में 2250 रुपये पेंशन बुजुर्गों, विधवाओं व दिव्यांगों को मिल रही है। गठबंधन सरकार ने 2000 की पेंशन में 250 रुपये की बढ़ोतरी की थी। पिछले साल कोरोना की वजह से पेंशन में इजाफा नहीं हुआ। पिछले दिनों सीएम मनोहर लाल खट्टर भी पेंशन में बढ़ोतरी के संकेत दे चुके हैं, लेकिन प्रदेश की वित्तीय स्थिति को देखते 5100 रुपये पेंशन करना आसान नहीं होने वाला है।