रोहतक (निस) : जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, वहीं सरकारी व निजी अस्पतालों में बेड फुल हो चुके हैं। अब जरूरतमंद कोरोना संक्रमितों की सेवा के लिए भी विभिन्न सामाजिक संगठनों ने मोर्चा संभाल लिया है। मरीजों को घरों पर जरूरत का सामान व खाने-पीने के सामान का प्रबंध किया जा रहा है। सती भाई साईं दास सेवा दल ने मंगलवार को जरूरतमंद लोगों को घर तक भोजन पहुंचाने की शुरूआत की गई। एलपीएस बोसार्ड के निदेशक एवं प्रसिद्ध समाज सेवी राजेश जैन ने लोगों को घर तक भोजन पहुंचाने वाले वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। राजेश जैन ने कहा कि जिस तरह से लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या में इजाफा हो रहा है, वह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस महामारी की चेन को तोड़ने के लिए सरकार द्वारा जारी हिदायतों की पालना ही एक मात्र उपाय है। राजेश जैन ने कहा कि इस महामारी के दौरान लोगों को खाने-पीने व अन्य जरूरत की चीजों की किसी प्रकार की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी, लेकिन लोगों को इस महामारी की चेन को तोड़ने में अपना पूर्ण सहयोग देना पड़ेगा। इस अवसर राजीव जैन, अशोक बत्रा, नरेश आनंद, सोमनाथ हरजाई, गुलशन खुराना, धीरज चावला, सोनू, राजीव जैन, राजू सपड़ा प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।