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बच्चों को मजदूरी के नाम पर ले जा रहे 5 मानव तस्कर धरे

प्रतिमाह 9 से 15 हजार रुपये देने का दिया था झांसा
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बिहार व बंगाल से 7 नाबालिग बच्चों को मजदूरी के लिए लाने के मामले में रेलवे पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन्हें रेलवे पुलिस ने कर्मभूमि ट्रेन से गिरफ्तार किया था। जांच में खुलासा हुआ है कि रेस्क्यू किये गए नाबालिग बच्चों को हरियाणा व पंजाब की फैक्ट्रियों में काम करवाने के लिए लाया गया था।

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कर्मभूमि एक्सप्रेस में बच्चों को मजदूरी के लिए लेकर जा रहे संदिग्ध ही मानव तस्कर निकले। यह खुलासा जिला बाल कल्याण समिति द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट से हुआ है। इस रिपोर्ट के आधार पर अंबाला छावनी के जीआरपी थाने में मानव तस्करी और गैरकानूनी अनिवार्य श्रम की धारा बीएनएस 146 के तहत दिनारपुर पश्चिम बंगाल निवासी हैदल सिंह, समस्तीपुर बिहार निवासी टुनटुन ठाकुर, दार्जिलिंग निवासी आशिक नाग, सालम अली और कटिहार निवासी लखन सोरेन के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

जीआरपी थाना प्रभारी अंबाला रेलवे स्टेशन हरीश कुमार के अनुसार उक्त पूरे मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि न्यू जलपाईगुड़ी से चलकर अमृतसर जाने के लिए ट्रेन नंबर 12407 कर्मभूमि एक्सप्रेस बृहस्पतिवार को अंबाला छावनी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 7 पर दोपहर लगभग 1.10 बजे पहुंची थी। इस दौरान टीम को जानकारी मिली थी कि अलग-अलग डिब्बों में नाबालिग बच्चों को मानव तस्करी के तहत पंजाब ले जाया जा रहा है। संरक्षण में लिए गए बच्चों की उम्र 14 से 17 साल के बीच है और वे पश्चिम बंगाल, बेगूसराय, समस्तीपुर, दरभंगा और कटिहार के रहने वाले हैं।

जीआरपी इंस्पेक्टर हरीश के अनुसार कॉउंसलिंग रिपोर्ट से यह भी खुलासा हुआ है कि बच्चों को मेहनताने के रूप में प्रतिमाह मानव तस्करों ने 9 से 15 हजार रुपये देने का झांसा भी दिया था। इसमें उन्हें फैक्ट्री में ही रहने व खाने पीने की सुविधा उपलब्ध करवाने का लालच दिया गया। बच्चों को पंजाब सहित हरियाणा की फैक्ट्रियों में मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था। इसमें सिरसा और लुधियाना की चावल व प्लाई फैक्ट्रियों की जानकारी सामने आई है।

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