फरीदाबाद, 15 नवंबर (हप्र)
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर एनसीआर सहित कई क्षेत्रों में लगाए गए प्रतिबंध के बाद भी दीपावली पर औद्योगिक नगरी फरीदाबाद में जमकर आतिशबाजी हुई। बीती देर रात तक आसमान में पटाखों व रॉकेटों की आवाजें गूंजती रही। बच्चों से लेकर बड़ों तक गली-मोहल्ले में पटाखे जला रहे थे, पुलिस उन्हें बिना रोके-टोके वहां से निकलती रही। कार तथा बाइक सवार पटाखों की होम डिलीवरी करते रहे। प्याली चौक स्थित मैदान के आस-पास लोग चोरी-छिपे पटाखे बेचते रहे। पुलिस प्रशासन की ओर से पटाखों की बिक्री के ठिकाने जानने को कई जगह पूछताछ भी जारी है। दीपावली से पहले पुलिस ने कई पटाखा विक्रेताओं व गोदाम मालिकों को गिरफ्तार कर पटाखों को जब्त कर लिया था। बावजूद इसके सुबह-सवेरे से ही कई जगह पटाखों का शोर सुनाई देने लगा था। एक नंबर मार्केट, एयरफोर्स रोड, खंड बी, जवाहर कालोनी, गुरुद्वारा रोड, कपड़ा कालोनी, डबुआ कालोनी, नंगला एन्क्लेव, पर्वतीय कालोनी, सोहना रोड, प्रेस कालोनी, न्यू जनता कालोनी, सेक्टर-22-23, 55, संजय कालोनी, एसजीएम नगर, एसी नगर, कृष्णा कालोनी, जीवन नगर, संत नगर, भडाना चौक, राजीव कालोनी, सराय, पल्ला, तिलपत, नेहरू ग्राउंड, भारत कालोनी, शास्त्री कालोनी तथा बाढ़ मोहल्ला, बल्लभगढ़ की सभी कालोनियों में आम जन ने जमकर आतिशबाजी की।
अस्थमा मरीज परेशान
पटाखों के धुएं की वजह से अस्थमा के मरीजों को सांस लेने में परेशानी हुई और कई लोगों को एलर्जी की शिकायत हुई। नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी में सांस एवं एलर्जी वाले करीब 15-20 लोग इलाज के लिए पहुंचे। इन सभी को प्राथमिक उपचार देकर घर भेज दिया गया।
क्या कहते हैं सीएमओ
सीएमओ डा. रणदीप सिंह पूनिया ने बताया कि इस बार कोई भी जलने का गंभीर मामला नहीं है। साथ ही अस्थमा के मरीजों को कुछ दिनों तक अपना विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
अलग-अलग जगह 50 झुलसे
दीपावली में आतिशबाजी का रोमांच कई लोगों को भारी पड़ा। आतिशबाजी के दौरान जरा सी असावधानी के चलते कुछ लोगों का हाथ जल गया तो कुछ का चेहरा झुलस गया। जिले में नागरिक सहित निजी अस्पतालों में करीब 50 मामले पटाखों से जलने के आए। नागरिक अस्पताल में दीपावली की मध्य रात्रि से रविवार दोपहर तक पटाखों से झुलसने के करीब 25 मामले पहुंचे। इसके अलावा इतने की मरीज निजी अस्पतालों की इमरजेंसी में पहुंचे हैं। गनीमत की बात यह रही कि कोई बड़ा झुलसने का मामला नहीं आया।
नियम-आदेश ताक पर
गुरुग्राम (हप्र) : एनजीटी द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद क्षेत्र में जमकर आतिशबाजी हुई। आतिशबाजी प्रतिबंध के आदेशों की पालना के लिए प्रशासनिक तौर पर की गई व्यवस्था सिर्फ कागजी साबित हुई। हालांकि गत वर्षों की तुलना में इस बार दिवाली प्रदूषणकारी साबित नहीं हुई और मोमबत्तियों की तुलना में मिट्टी के दीये जमकर खरीदे गए। शहरी क्षेत्र के ही कुछ चुनींदा इलाकों को छोड़ दिया जाए तो शेष सभी इलाकों में शाम 8 बजे के बाद से ही पटाखे बजाने की तेज आवाजें आनी शुरू हो गई। आतिशबाजी की तेज आवाजें रात 11 बजे के बाद तक जारी रही। यूं तो पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने एनजीटी के आदेशों की पालना सुनिश्चित करवाने के लिए कई तरह के दावे किए थे लेकिन दिवाली की रात सारे दावे धरे रह गए। यहां तक कि पुलिस थानों के आसपास के रिहायशी इलाकों में भी जमकर आतिशबाजी हुई। रविवार देर शाम तक पुलिस ऐसा कोई आंकड़ा जारी नहीं कर पाई जिसमें एनजीटी के आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी दी गई हो।