विनोद जिन्दल/हप्र
कुरुक्षेत्र, 8 सितंबर
केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए 3 अध्यादेशों को वापस लेने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन द्वारा 10 सितंबर को पिपली की अनाजमंडी में ‘किसान बचाओ, मंडी बचाओ’ के नाम से आयोजित की जाने वाली रैली को लेकर प्रशासन तथा किसानों में आपसी टकराव होने की आशंका है। एक ओर जहां किसान इस बात के लिए अडिग हैं कि 10 सितंबर को पिपली की अनाजमंडी में रैली निश्चित रूप से की जाएगी, वहीं प्रशासन ने भी एक विज्ञप्ति जारी करके साफ तौर पर कहा है कि कोरोना महामारी के बढ़ते रुख को देखते हुए किसान रैली की अनुमति प्रदान नहीं की गई है। प्रशासन ने रैली को गैर कानूनी बताते हुए आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है। पलटवार करते हुए भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने चेतावनी दी है कि रैली हर हाल में होगी। यदि प्रशासन ने रैली को रोकने की कोशिश की तो किसान प्रत्येक सड़क पर धरने देंगे।
कुरुक्षेत्र की उपायुक्त शरणदीप कौर बराड़ ने कहा है कि प्रशासन की जानकारी में आया है कि भाकियू द्वारा 10 सितंबर को पिपली की अनाजमंडी में रैली की जाएगी। उन्होंने कहा है कि इस जिले में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए रैली करने की अनुमति नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी है कि रैली आयोजकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। थानेसर के एसडीएम अखिल पिलानी ने किसानों से बात करके रैली न करने का अनुरोध किया लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इसके बाद उन्होंने भी चेतावनी दी है कि यदि रैली होती है तो आयोजकों के खिलाफ आपदा प्रबंधन एक्ट, एऐडेमिक एक्ट, सीआरपीसी और आईपीसी के तहत कार्रवाई की जाएगी।