ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 31 अगस्त
हमेशा जरूरतमंद की सेवा को तत्पर रहते लाला जयभगवान गोयल यहां की अनाज मंडी में आढ़ती थे। परोपकार में सर्वस्व देने को तैयार रहने वाले गोयल 1989 में कर्जदार बन गए। मजबूरन आढ़ती की दुकान बंद करनी पड़ी और परिवार पालने को अन्य काम शुरू किए। अपनी दयानतदारी के कारण उपजी मुफलिसी सहते-सहते साल 2003 को दुनिया को अलविदा कह गए। उनके तीन बेटे परोपकार मार्ग पर ही चलना चाहते थे। पिता की करुणामयी छवि को ‘जिंदा’ रखने और सुकून के लिए तीनों बेटों ने लाला जयभगवान गोयल मेमोरिटल ट्रस्ट बना दिया। इसके जरिये दो गांवों के सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की व्यवस्था की। कोरोना काल में भी जरूरतमंदों की सेवा करने वाले बेटों का मानना है, ‘ट्रस्ट के माध्यम से उनके पिता की दयालुता शायद हमेशा जिंदा रहे।’
लाला जयभगवान गोयल चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रधान कृष्ण गोयल ने कहा, ‘हम पिछले तीन वर्षों से समाज सेवा के विभिन्न कार्य मसलन- जरूरतमंद बेटियों की शादी, या अन्य समाजसेवा का कार्य करते आ रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष उन्होंने दैनिक ट्रिब्यून समाचार पत्र में बुच्ची गांव व पाई गांव के स्कूल में टीचरों के टोटे की खबरें पढ़ी। उन्होंने तुरंत शिक्षा विभाग के अधिकारियों की परमिशन से पाई गांव के स्कूल में दो टीचरों की व्यवस्था करवाई और बुच्ची गांव के राजकीय प्राथमिक पाठशाला में एक टीचर की व्यवस्था करवाई। पाई गांव के स्कूल में ललिता व मधु बाला शिक्षण कार्य में जुटी हैं। बुच्ची गांव के राजकीय प्राथमिक पाठशाला में कार्यरत अध्यापक रजनीश बताते हैं कि दैनिक ट्रिब्यून में समाचार प्रकाशित होने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने उनकी यहां नियुक्ति की। इसके बाद संस्था ने देखा कि एक टीचर पांच कक्षाओं को भला कैसे संभालेगा तो उन्होंने स्कूल में एक और टीचर की नियुक्ति की।
अध्यापक मिले तो प्रतिभा के फूल खिले

राजकीय प्राथमिक स्कूल में सरकार के इंतजाम नाकाफी थे। अब हालात बदले हैं। यहां अध्यापक रमेश कुमार व लाला जयभगवान गोयल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा नियुक्त टीचर्स के प्रयास से स्कूल के बच्चों ने अपनी प्रतिभा को साबित किया। यहां के निवासी प्रवीण कुमार के पुत्र और दिलजीत ने इसी स्कूल से शिक्षा लेकर अब जवाहर नवोदय विद्यालय की परीक्षा में जिले भर में टॉप किया। इसी प्रकार जिला स्तर पर हुई पहाड़े सुनाओ प्रतियोगिता में भी इसी स्कूल के छात्र प्रीत ने भी पूंडरी ब्लाक में प्रथम स्थान प्राप्त किया। बता दें कि वर्ष 2019 में सौंदर्यकरण प्रतियोगिता में भी यह स्कूल ब्लाक में प्रथम रहा। लोगों का कहना है कि पाई के राजकीय प्राथमिक पाठशाला में पढ़ाने वाले टीचर रमेश कुमार का योगदान भी सराहनीय है। उनकी मेहनत का असर बच्चों के बेहतर परिणाम में परिलक्षित हो रहा है।