नीलोखेड़ी (निस) : किसानों के दिल्ली कूच आंदोलन के तहत भाकियू के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी की अगुवाई में नीलीखेड़ी के समाना बाहु में रात्रि पड़ाव के बाद वीरवार सुबह 10 करनाल के लिए सैकड़ों किसानों का बड़ा काफिला रवाना हो गया। इस मौके पर किसान नेता चढूनी ने कहा कि चाहे बैरियर तोड़ना पड़ा या फिर पैदल जाना पड़े। हालात चाहे जो भी हों लेकिन किसान दिल्ली जरूर पहुंचे। इस दौरान नीलोखेड़ी के आसपास के कई गांवों के किसान भी काफिले में शामिल हो गए। चढूनी ने कहा कि किसान अपनी लड़ाई के मोर्चे पर हैं, पहली बात तो लड़ाई कोई भी हो, इसमें नुकसान ही होता है, लेकिन जब कोई रास्ता न बचे तो जिंदा रहने के लिए लड़ना जरूरी हेा जाता है।
पुलिस को चकमा देकर दिल्ली पहुंचे किसान
चरखी दादरी (निस) : अल सुबह एडवोकेट संजीव तक्षक की अगुवाई में कुछ किसान प्रशासन को चकमा देते हुए दिल्ली पहुंच गए। उन्होंने जंतर-मंतर पर पहुंचकर कृषि कानूनों का विरोध किया। इस दौरान पुलिस द्वारा उनको गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान की अगुवाई में दर्जनों किसानों ने शहर में रोष जुलूस निकाला और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों ने कहा कि इस बार दिल्ली जीतकर ही वापिस लौटेंगे।
मुंढाल नाके पर रोका
भिवानी (हप्र) : कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली कूच को लेकर सड़कों पर प्रशासन के आमने-सामने हो गए और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गांव मुंढाल से किसान नेता जोगेंद्र तालु के नेतृत्व में किसान ट्रैक्टर पर दिल्ली कूच के लिए निकले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। गुस्साए किसान नेशनल हाईवे पर बैठ गए और धरना शुरू कर दिया। इस मौके पर उनके साथ राज सिंह धनाना, जगबीर, दलबीर, राजेश, प्रदीप मुंढाल सहित अनेक किसान मौजूद रहे।