शाहाबाद मारकंडा (निस) : सरकार द्वारा पारित 3 कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में लड़ाई लड़ रहे किसानों ने अब हरियाणा के सभी विधायकों से प्रश्न किया है कि वह इन 3 कृषि कानूनों को लागू करने पर वह सरकार के साथ हैं या किसानों के साथ बारे अपनी स्थिति स्पष्ट करें। भारतीय किसान यूनियन के कार्यकारी प्रधान जसबीर सिंह मामूमाजरा नेे कहा कि 15 जनवरी को इसी मुद्दे पर विधायकों के आवास के बाहर धरना देकर प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसी कढ़ी में 6 जनवरी को दिल्ली के बाहर वाली सड़क पर ट्रैक्टर परेड की रिहर्सल की जाएगी और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड करेंगे। इसके अलावा सभी जिला हैडक्वार्टरों पर किसान परेड करेंगे। इससे पहले 23 जनवरी को सभी प्रदेशों में गवर्नर हाउस पर प्रदर्शन किया जाएगा। इससे पहले 18 जनवरी को महिला सशक्तीकरण मौके पर आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की मांगें नहीं मानी जाती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। जब इस बारे शाहाबाद के विधायक एवं शुगरफेड के चेयरमैन रामकरण काला से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह किसानों के साथ हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार आंदोलनरत किसानों की मांगें स्वीकार करे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।