नरवाना (अस) :
कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर बद्दोवाल टोल प्लाजा पर चल रहे धरने की कमेटी ने निर्णय लिया है कि किसान आंदोलन के जारी रहने तक क्षेत्र के सभी गांवों के किसान इस दौरान आने वाले तीज-त्यौहार टोल प्लाजा पर ही मनाएंगे। शुक्रवार को धरने की अध्यक्षता बहादुर सिंह बद्दोवाल ने की।
धरने को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा किसरकार सोचती है कि आंदोलन लंबा चलने के कारण कमजोर हो जाएगा। लेकिन यह सरकार की गलतफहमी है। किसान आंदोलन अब जन आंदोलन में बदल चुका है और सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।
किसान आंदोलन के समर्थन में बद्दोवाल टोल प्लाजा पर पिछले 15 दिनों से चल रहे धरने में महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। महिलाएं खुद ट्रेक्टर चलाकर महिलाओं को लेकर धरने पर पहुंच रही हैं और पूरा दिन पुरुषों के साथ टोल पर बैठकर कृषि कानूनों का विरोध कर रही हैं।
रानियां में निकाला ट्रेक्टर मार्च, टोल प्लाजा पर की जनसभा
सिरसा (निस) : किसान आंदोलन अब जन आंदोलन बन चुका है और देश का भविष्य इस आंदोलन पर निर्भर करता है। यह बात पंजाब किसान सभा के नेता एवं पूर्व विधायक कामरेड हरदेव अर्शी ने कही। हरदेव अर्शी रानियां भावदीन टोल प्लाजा पर किसानों को संबोधित कर रहे थे। वहीं संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा अगली रणनीति बनाने के लिए शुक्रवार को रानियां के सिरसा मार्ग पर मैदान में किसान सम्मेेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में दिल्ली के बार्डरों पर आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता प्रगट सिंह जामाराय, प्रह्लाद भारुखेड़ा, मनदीप नथवान, कामरेड स्वर्ण सिंह विर्क ने शिरकत की। किसान सम्मेलन के बाद रानियां में ट्रेक्टर मार्च निकाला गया। उधर डबवाली में बीती शाम किसान आंदोलन में मृत किसानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए विधायक अमित सिहाग के नेतृत्व में कैंडल मार्च निकाला और 2 मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी। कैंडल मार्च में वरिष्ठ कांग्रेस नेता डा. केवी सिंह और विधायक अमित सिहाग की धर्मपत्नी शुभ्रा सिहाग ने भी भाग लिया।
जब किसान नहीं चाहते तो कानूनों की जरूरत क्यों : माजरा
कलायत (निस) : पूर्व संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने कहा कि जब किसान नहीं चाहता कि तीनों कृषि कानून लागू हो तो सरकार को इन्हें लागू करने की क्या आवश्यकता है। माजरा कलायत में शुक्रवार को निजी संस्थान पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली के चारों ओर करीब डेढ़ माह से ठंड के मौसम में किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा।